लखनऊ : (मानवी मीडिया) अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने रविवार को पैदल मार्च निकाला। उन्होंने अपने पिता सोने लाल पटेल की मौत को हत्या बताया। इस दौरान CBI जांच की मांग भी की।पल्लवी ने कहा कि, मेरे पिता की हत्या राजनीतिक साजिश से हुई है। मां और अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल की भी सुरक्षा की जाए। जब तक पिता के हत्या की सीबीआई जांच नहीं होगी सच्चाई सामने नहीं आएगी। सिराथू विधायक पल्लवी पटेल अपने समर्थकों के साथ दारुलशफा विधायक निवास से राजभवन पहुंचीं थीं। यहां उन्होंने राज्यपाल के नाम एसीपी हजरतगंज को ज्ञापन सौंपा है। विधायक पल्लवी पटेल लखनऊ में एसीपी हजरतगंज अरविंद वर्मा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। लंबे समय से कर रहीं जांच की मांगपल्लवी पटेल लंबे समय से पिता के मौत की जांच की मांग कर रही हैं।
उन्होंने साल 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। उन्होंने 23 अगस्त 2022 को अयोध्या के तत्तकालीन सिटी मजिस्ट्रेट को भी ज्ञापन सौंपा था। 2009 में हुई थी सोनेलाल की मौतअपना दल की स्थापना नवंबर 1995 में डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने की। वर्ष 2009 में एक हादसे में उनका निधन हो गया। कानपुर के नवाबगंज थाना इलाके में कम्पनीबाग चौराहे के पास एक बेकाबू कार ने पटेल की कार में टक्कर मार दी थी। टक्कर के बाद उनकी कार अनियंत्रित होकर एक दीवार से टकराई। वह कार के भीतर ही अचेत हो गए। डॉ. पटेल को गम्भीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। याहां उनकी मौत हो गई थी। अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की 2009 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। (फाइल फोटो) 1999 में प्रयागराज में हुआ था हमलापल्लवी पटेल ने बताया कि 12वीं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 1999 में प्रयागराज में सोनेलाल पटेल और कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ था। तत्कालीन प्रदेश सरकार के आदेश पर पुलिस कार्रवाई हुई थी। इस कार्रवाई में लगभग 500 कार्यकर्ता घायल हुए थे।
डॉ. सोने लाल पटेल को जान से मारने की कोशिश भी की गई थी। डॉ. सोने लाल पटेल और कार्यकर्ताओं पर निराधार केस लगाए गए थे। उस केस को वापस लेना चाहिए। लखनऊ में पल्लवी पटेल और उनके समर्थकों ने मांग किया कि 1999 में अपना दल के कार्यकर्ताओं पर प्रयागराज में झूठे केस दर्ज किए गए थे वो केस वापस होने चाहिए।कौन थे सोने लाल पटेलडॉ. सोने लाल पटेल का जन्म कन्नौज जिले के ग्राम बुगलयी में एक किसान परिवार में दो जुलाई 1950 को हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में किसानों, गरीबों और कमेरा समाज के उत्थान के लिए हमेशा संघर्ष किया। 17 अक्टूबर 2009 को एक सड़क दुर्घटना में उनका देहात हो गया। डॉक्टर पटेल की हत्या के बाद उनकी पार्टी की कमान उनकी पत्नी कृष्णा पटेल ने संभाली। 2014 में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन से लोकसभा चुनाव लड़ीं। बाद में कृष्णा पटेल की बेटी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से विवाद होने के बाद अपना दल दो हिस्सों में बंट गया। अपना दल (सोने लाल) का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री और मिर्जापुर सीट से तीसरी बार सांसद अनुप्रिया पटेल कर रही हैं।