नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) साधना एयर मार्शल रैंक तक पहुंचने वाली दूसरी महिला मेडिकल ऑफिसर हैं लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर को बुधवार (31 जुलाई) को आर्मी की मेडिकल सर्विस का डायरेक्टर जनरल बनाया गया है। साधना 1 अगस्त से पदभार संभालते ही, इस पद पर काम करने वाली पहली महिला बन जाएंगी। पिछले साल अक्टूबर में वायुसेना में एयर मार्शल पद पर प्रमोट किए जाने के बाद साधना को हॉस्पिटल सर्विसेस (आर्म्ड फोर्सेज) की डायरेक्टर जनरल (DG) बनाया गया था। इस पद नियुक्त होने वाली भी वे पहली महिला अधिकारी थीं। साधना वायुसेना की दूसरी महिला मेडिकल ऑफिसर हैं, जो एयर मार्शल रैंक तक पहुंची हैं। इससे पहले साधना को एयर फोर्स ट्रेनिंग कमांड बेंगलुरु हेड क्वार्टर से दिल्ली प्रमोशनल ट्रांसफर किया गया था। वहीं उनके पति केपी नायर 2015 में इंस्पेक्शन एंड फ्लाइट सेफ्टी के DG पद से रिटायर हो चुके हैं।
इस तरह साधना और केपी नायर एयर मार्शल रैंक तक पहुंचने वाले देश के पहले कपल हैं। एयर मार्शल रैंक की दूसरी महिला अफसरसाधना सक्सेना नायर के प्रमोशनल ट्रांसफर के बाद वो दूसरी महिला अधिकारी बनी थीं। जिन्होंने एयर मार्शल रैंक हासिल की है। उनसे पहले ये उपलब्धि एयर मार्शल पद्मा बंदोपाध्याय ने हासिल की। पद्मा ने 2002 में एयर मार्शल रैंक पर तैनात की गईं थीं। इसके अलावा थ्री-स्टार रैंक तक पहुंचने वाली नौसेना की सर्जन वाइस एडमिरल पुनिता अरोड़ा थीं, जो कि रिटायर हो चुकीं हैं। तीन पीढ़ियों का वायुसेना से संबंधएयर मार्शल साधना सक्सेना नायर के परिवार का 3 पीढ़ियों से एयर फोर्स से संबंध है। साधना के पिता और भाई भी इंडियन एयर फोर्स में डॉक्टर थे।
उनका बेटा वायु सेना में फाइटर पायलट (फ्लाइट लेफ्टिनेंट) पद पर तैनात है। वायु सेना हवा के साथ अब स्पेस में भी, IAF ने नए नाम और काम का प्रस्ताव डिफेंस मिनिस्ट्री को भेजा इंडियन एयर फोर्स (IAF) ने हवा के साथ-साथ स्पेस में भी ताकत जुटानी शुरू कर दी है। IAF अब स्पेस के सिविल और मिलिट्री दोनों पहलुओं का उपयोग करने के लिए विचार कर रही है, जिसके लिए उसने इंफ्रास्ट्रक्चर और थिओरेटिकल फ्रेमवर्क तैयार किया है। इस नए रोल के लिए IAF ने अपना नाम भी तय कर लिया है- इंडियन एयर एंड स्पेस फोर्स। एयर फोर्स ने नए नाम का प्रस्ताव डिफेंस मिनिस्ट्री में भेजा है। मिनिस्ट्री की ओर से मंजूरी मिलते ही एयर फोर्स का नया नाम और काम पब्लिक किया जाएगा। साथ ही, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस एजेंसी की मदद से IAF अपना स्पेस डॉक्ट्रिन पहले ही तैयार कर चुकी है। इस डॉक्ट्रिन में स्पेस मिलिट्री पावर से जुड़े नियमों और गाइडलाइन को शामिल किया गया है