उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुलंदशहर के भू-माफिया सुधीर कुमार गोयल और उनकी पत्नी राखी गोयल के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत विशेष न्यायालय (पीएमएलए), गाजियाबाद के समक्ष मई 2024 को अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की थी। जिसपर न्यायालय ने मंगलवार को संज्ञान लिया है। ईडी अधिकारियों के मुताबिक ईडी ने इस मामले में पुलिस द्वारा सुधीर कुमार गोयल, उनकी पत्नी और गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और भोले-भाले जमीन खरीदारों को धमकाने से संबंधित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। सुधीर कुमार गोयल बुलंदशहर में सक्रिय एक कुख्यात भू-माफिया है, वह यूपी गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक गैंगस्टर के रूप में भी सूचीबद्ध है। वह बुलंदशहर में अचल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त और अवैध रूप से आवासीय कॉलोनियों और मकानों के निर्माण में लिप्त है। उसने अवैध रूप से 10 से अधिक कॉलोनियों का विकास किया है, जहां पर वादा किए गए भूखंड न देकर निर्दोष निवेशकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई है। सभी कॉलोनियां कृषि भूमि पर थीं, जहां पर भूमि का उपयोग परिवर्तित नहीं किया गया था, न ही सुविधाएं विकसित की गई थीं।
उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुलंदशहर के भू-माफिया सुधीर कुमार गोयल और उनकी पत्नी राखी गोयल के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत विशेष न्यायालय (पीएमएलए), गाजियाबाद के समक्ष मई 2024 को अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की थी। जिसपर न्यायालय ने मंगलवार को संज्ञान लिया है। ईडी अधिकारियों के मुताबिक ईडी ने इस मामले में पुलिस द्वारा सुधीर कुमार गोयल, उनकी पत्नी और गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और भोले-भाले जमीन खरीदारों को धमकाने से संबंधित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। सुधीर कुमार गोयल बुलंदशहर में सक्रिय एक कुख्यात भू-माफिया है, वह यूपी गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक गैंगस्टर के रूप में भी सूचीबद्ध है। वह बुलंदशहर में अचल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त और अवैध रूप से आवासीय कॉलोनियों और मकानों के निर्माण में लिप्त है। उसने अवैध रूप से 10 से अधिक कॉलोनियों का विकास किया है, जहां पर वादा किए गए भूखंड न देकर निर्दोष निवेशकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई है। सभी कॉलोनियां कृषि भूमि पर थीं, जहां पर भूमि का उपयोग परिवर्तित नहीं किया गया था, न ही सुविधाएं विकसित की गई थीं।