उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने विधानसभा में 12 हजार 209 करोड़ 93 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया है। अनुपूरक बजट का आकार मूल बजट का 1.6 प्रतिशत है। बजट में सर्वाधिक 7500.81 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किया गया है। इसी तरह 2000 करोड़ ऊर्जा विभाग, एक हजार करोड़ परिवहन विभाग को नई बसें खरीदने के लिए बजट प्रस्तावित किया है।
इसके साथ ही नगर विकास विभाग की अमृत योजना की सहायता के लिए 600 करोड़, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 200 करोड़, ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपन जिम के लिए 100 करोड़, माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत 284 राजकीय इंटर कॉलेजों में लैब की स्थापना के लिए 28.40 करोड़, 1040 राजकीय इंटर कॉलेज में आईसीटी लैब की स्थापना के लिए 66.82 करोड़ की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गयी है। इसके अलावा संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 74.90 करोड़, अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए 53.85 करोड़ रुपए दिये हैं। इनमें आवासीय एवं अनावासीय भवनों के अनुरक्षण के लिए 2.79 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं व बच्चों पर होने वाले यौन उत्पीड़न पर आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब देते हुए कहा कि इन मामलों में आरोपियों को सजा देने में यूपी देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के हर जिले में एक महिला थाना बनाया गया है। अगर 2016 से तुलना की जाए तो प्रदेश में यौन उत्पीड़न के मामलों में साढ़े 17 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म के मामलों में 25 प्रतिशत की कमी आई है।
मुख्यमंत्री योगी विधान परिषद में सपा विधायक द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह गंभीर है। यही कारण है कि सरकार ने सत्ता में आते ही एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया था और सबसे पहले इसका विरोध सपा ने ही किया था। उन्होंने कहा कि महिला और बाल अपराध निस्तारण में प्रदेश पहले नंबर पर है।
प्रदेश के अंदर एक महिला थाना हर जनपद में स्थापित करने के साथ-साथ एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराया है। 2020 से हमारी सरकार प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ा रही है। मिशन शक्ति के अतंर्गत पिछले 7 वर्षों में हम लोगों ने करीब डेढ़ लाख पुलिस कर्मी की भर्ती की है। 2017 से पहले कुल 10,000 महिला पुलिस भर्ती हुई थी। 2017 से 2023 तक जो भर्तियां हुई हैं उसमें 20,000 महिला पुलिस की भर्ती हुई है। यानि आजादी के 70 वर्षों में जितनी भर्ती हुई उससे दोगुनी भर्ती पिछले 5 वर्षों में हुई है...ये सरकार महिला के सुरक्षा के प्रति गंभीर है।