लखनऊ : (मानवी मीडिया) सीएमएस स्कूल पर मैथ्स के टीचर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। टीचर का कहना है कि तिलक लगाने और चोटी बांधने के कारण स्कूल मैनेजमेंट ने नौकरी से निकाल दिया। वो पिछले 15 साल से इसी स्कूल में टीचर थे। इसी साल जून के महीने में एक नोटिस जारी कर उन्हें स्कू मामले में सीएमएस स्कूल के प्रवक्ता ने टीचर कुलदीप तिवारी के आरोप को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि टीचर के खिलाफ कई छात्रों ने पीटने और धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया था।
साथ ही प्रिंसिपल से भी कई बार अभद्रता किए थे। इसके बाद उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई है। टीचर बोले- कोविड के बाद चोटी बढ़ी टीचर कुलदीप तिवारी मूलरूप से लखनऊ के गोमती नगर के रहने वाले हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर बताया कि वो सीएमएस में कक्षा 9वीं और 10वीं के बच्चों को मैथ्स पढ़ाते थे। साल 2009 में सीएमएस ज्वॉइन करने के बाद से ही मेहनत से बच्चों को पढ़ाते थे। कोविड के दौरान कोविड के दौरान बाल बढ़े गए तो चोटी भी बढ़ गई। पूजा-पाठ भी करते थे। स्कूल खुला तो तिलक लगाकर स्कूल आने लगे।
उनका कहना है कि तिलक लगाने की वजह से स्कूल की प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल उनसे द्वेष करने लगीं। स्कूल मैनेजमेंट किसी न किसी बहाने से उन्हें परेशान करने लगा। कुलदीप कहते हैं कि जब वो अपनी बात रखना चाहते तो उन्हें बदतमीज साबित किया जाता। स्कूल प्रिंसिपल ने त्यागपत्र देने का बनाया दबाव टीचर ने बताया कि भोजशाला मामले में सुनवाई के चलते मैं अप्रैल 2024 के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश गया। जब मैं लौटकर लखनऊ आया तो स्कूल जाना शुरू कर दिया। इस बीच प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल लगातार मेरे ऊपर त्यागपत्र देने का दबाव बनाती रहीं।
टीचर ने स्कूल प्रशासन पर हिंदू भावनाओं की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है। स्कूल में धर्म विशेष के शिक्षकों को प्राथमिकता देने का आरोप प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को तिलक लगाने और चोटी रखने पर आपत्ति थी। उनका कहना था कि स्कूल में मुस्लिम धर्म के भी कई स्टूडेंट्स आते हैं। ऐसे में आपकी ये वेशभूषा देखकर उनके पेरेंट्स नाराज होंगे। टीचर ने स्कूल प्रशासन पर हिंदू भावनाओं की अनदेखी करने के साथ स्कूल में धर्म विशेष के शिक्षकों को प्राथमिकता देने की बात कही है। CMS प्रवक्ता बोले- धर्म के आधार पर करते थे भेदभाव CMS के प्रवक्ता ऋषि खन्ना ने बताया कि कुलदीप तिवारी पर कई स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स ने मारने के आरोप लगाए थे। उन पर धर्म के आधार पर बच्चों से भेदभाव करने के आरोप भी थे। इसके अलावा प्रिंसिपल और अन्य स्टॉफ से अभद्रता करने की शिकायत आ रही थी। 11 साल उन्होंने नौकरी की है। इनका अपॉइंटमेंट 30 जून को खत्म हो रहा था। इसके बाद फिर से इन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया है।