उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) कुछ करने का जुनून हो तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आती। बरेली के हाफिजगंज के रवि कुमार ने सीए बनकर यह साबित कर दिखाया है। चाट विक्रेता पिता के इस बेटे ने आर्थिक दुश्वारियों के बावजूद इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की ओर से जारी फाइनल के परिणाम में कामयाबी का परचम लहराया है। रवि कुमार वैश्य के पिता हरिओम वैश्य चाट विक्रेता और मां मीरा देवी गृहिणी हैं। रवि ने बताया कि आर्थिक दुश्वारियों के बाद भी उनके अभिभावकों ने उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान की। पढ़ाई के दौरान कभी धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया।
शुरुआत से ही उनका सीए बनने का सपना था। इस सपने को साकार करने का सफर काफी लंबा रहा। अथक परिश्रम और बड़ों के आशीर्वाद से सफलता मिली। रवि के पिता हाफिजगंज मुख्य रोड और बाइपास चौराहे पर दुकान लगाते हैं। पढ़ाई के दौरान समय मिलने पर रवि ने उनके काम में भी हाथ बंटाया। सीए बनने के बाद रवि ने कहा कि मेरी सफलता में मुझसे ज्यादा योगदान मेरे पिता का है। घरवालों का हमेशा सहयोग रहा। बड़े भाई अतुल वैश्य अकाउंटेंट हैं। बहन कीर्ति वैश्य ने भी हर कदम पर आगे बढ़ने का हौसला दिया। सीए की परीक्षा कई बार दी, लेकिन हार नहीं मानी। सफलता के लिए 10-11 घंटे पढ़ाई की।
ऑनलाइन कक्षाएं लेने के साथ सेल्फ स्टडी भी की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया, लेकिन परीक्षा से दो माह पहले इसे बंद कर दिया था। रवि ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई श्रीकृष्णा इंटर कॉलेज नवाबगंज से की है। वहीं, आदर्श महाविद्यालय से बीकॉम करने के बाद बरेली कॉलेज से एमकॉम किया। परीक्षा के बाद से वह परसाखेड़ा स्थित निजी कंपनी में कार्य कर रहे हैं। वह अपना प्रेरणास्रोत सीए प्रवीन सिंह को मानते हैं।