नई दिल्ली (मानवी मीडिया): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट मंगलवार को पेश किया। इस बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार को सौगात दी गई। विपक्ष ने लामबंद हो इसे पक्षपात पूर्ण रवैया करार दिया है।
पूर्ण बजट 2024 में अन्य राज्यों की अनदेखी को लेकर इंडी गठबंधन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संसद परिसर में बुधवार को इंडी गठबंधन के नेताओं ने बजट में भेदभाव किए जाने को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में कांग्रेस की संसदीय दल प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत विपक्षी दलों के कई नेता मौजूद रहे। इन्होंने हाथों में डिमांड करती तख्तियां पकड़ रखी थीं। जिसमें लिखा था कि एनडीए ने इंडिया को नजरअंदाज किया। भारतीय राज्यों को उनका हक दें।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “इस बजट से कोई खुश नहीं है। ये सिर्फ सरकार बचाओ बजट है। यह बजट सिर्फ अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है।”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश किया। वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के पीएम मोदी के लक्ष्य को सामने रखते हुए सीतारमण ने लोकसभा में 84 मिनट तक अपना बजट भाषण पढ़ा।
प्रधानमंत्री मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 84 मिनट के बजट भाषण के दौरान लगभग 78 बार मेज थपथपाकर बजट घोषणाओं का स्वागत किया। संसदीय परंपरा के अनुसार, सदन के अंदर किसी बात का समर्थन करने के लिए तालियां नहीं बजाई जाती बल्कि मेज थपथपाकर ही समर्थन या तारीफ की जाती है।
बजट पेश किए जाने के बाद ही कांग्रेस ने घोषणा की थी कि इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। उनको इसमें डीएमके का भी साथ मिला। तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने भी विरोध में साथ दिया। उन्होंने भी कहा कि तमिलनाडु की अनदेखी की गई है इसलिए वो बैठक का बहिष्कार करेंगे।