चीन में भारतीय योग गुरुओं का बज रहा डंका - मानवी मीडिया

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Sunday, July 7, 2024

चीन में भारतीय योग गुरुओं का बज रहा डंका


(मानवी मीडियायोग एक प्राचीन परंपरा है, जिससे शरीर और मन के बीच संतुलन बनाया जाता है। यही वजह है कि पूरी दुनिया में लोगों ने योग को अपनाया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई थी, जो भारत के पड़ोसी देश चीन में भी तेजी से लोकप्रिय हुआ। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चीन के सभी बड़े शहरों पेइचिंग-शांगहाई के साथ-साथ छोटे शहरों में भी योगा क्लासेस और स्कूल खुल चुके हैं। 

माना जा रहा है कि चीन में भी आने वाले समय में योग एक बड़ा विजन बनने वाला है। चीन में योग का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक, चीन के लगभग सभी प्रांतों और शांगहाई, पेइचिंग, शेंचन, नानजिंग शहरों में अलग-अलग योग संस्थानों में योगा सिखाया जाता है। योग को मानने और समझने वाले चीनी लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इतना ही नहीं योग चीन में एक नए व्यवसाय के रूप में विकसित हो रहा है, जो आने वाले वक्त में चीन के लोगों के लिए उपयोगी कदम साबित होने वाला है। ताई ची को अगर चायना का 'योगा' कहा जाए तो गलत नहीं होगा। 

चीनी मार्शल आर्ट से ली गई यह ऐसी परंपरा है जो शरीर पर नियंत्रण, सांस का नियमन और शरीर संतुलन को एकजुट करती है। वहीं योग भी प्राचीन परंपरा है। ऐसे में चाइना में योग के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ने की एक बड़ी वजह ताई ची भी है। ताई ची के चलते चाइना के लोग योग को तेजी से अपनी लाइफ स्टाइल में ला रहे हैं। ताई ची और योग का अभ्यास न केवल शरीर को मजबूत करता है बल्कि तनाव से राहत भी देता है। सीधे तौर पर यह बात अब दोनों देशों के नागरिक जानते हैं कि प्राचीन भारतीय संस्कृति के रूप में योग को चीन में लाया गया और उत्कृष्ट चीनी संस्कृति के रूप में ताई ची को भारत तक पहुंचाया गया। ऐसे में दोनों देशों के लोग खुद को योग से कनेक्ट कर चुके हैं

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