बीजेपी की हार पर लखनऊ में हाईकमान का मंथन - मानवी मीडिया

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Sunday, July 7, 2024

बीजेपी की हार पर लखनऊ में हाईकमान का मंथन


लखनऊ : (मानवी मीडिया) 
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ में पदाधिकारियों के साथ बैठक किया। उन्होंने लोकसभा चुनाव में सीटों के नुकसान को लेकर मंथन किया। पार्टी से दलित वोट छिटकने पर चिंता जताई, साथ ही दलित नेताओं-मंत्रियों के साथ करीब एक घंटे तक बातचीत बैठक में संगठन महामंत्री ने निर्देश दिया कि गांव-गांव जाकर लोगों को जोड़ना होगा। संविधान और आरक्षण को लेकर विपक्ष ने जिस तरीके का भ्रम फैलाया है उसे दूर करने का काम किया जाएगा। इसके लिए छोटे-छोटे आयोजन कर लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जाएगी। रविवार को बीएल संतोष के दौरे का दूसरा और आखिरी दिन था। इससे पहले शनिवार को उन्होंने सीएम योगी, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और अन्य पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक कर प्रदेश की राजनीतिक हकीकत को समझा था।

भाजपा कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर राजनीतिक हालात जाना। अब तीन बिदुओं में पढ़िए बैठक में क्या हुआ... बसपा का बेस वोट सपा में ट्रांसफर क्यों हुआ बैठक में शामिल एक पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश कमेटी की तरफ से एक रिपोर्ट का जिक्र किया गया। लोकसभा चुनाव में इस बार बसपा से छिटका वोट बीजेपी को नहीं मिला। यह वोट सपा यानी इंडिया गठबंधन की तरफ ट्रांसफर हुआ है। वोट इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को मिलने के पीछे वजह तलाशने पर जोर दिया गया। बीएल संतोष ने बैठक में पूछा कि आखिर बसपा का कोर वोट इस बास सपा की तरफ क्यों गया। इसकी वजह सामने आनी चाहिए। संविधान-आरक्षण के मुद्दे से नुकसान बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि इस बार लोकसभा चुनाव में संविधान बदलने, आरक्षण समाप्त का जो भ्रम विपक्ष के नेताओं ने फैलाया उससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इस पर संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कहा कि पूरे संगठन के साथ गांव-गांव जाकर इस भ्रम को दूर करने का काम करें और लोगों से बताएं कि भाजपा की आपकी हितैषी है।

वहीं दलित कोटे के एक मंत्री ने कहा उम्मीदवारों की तरफ से अपने प्रचार में इस पर अपने विचार खुलकर नहीं रखे गए, इसका नुकसान हुआ। अगले 3 महीने में छोटी-छोटी सभाएं करें बीएल संतोष ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले 3 महीने में सरकार के मंत्री और संगठन के पदाधिकारी, राज्यसभा सदस्य, सांसद, विधायक, अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय होकर छोटी-छोटी सभाएं करें। सभी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इससे जुड़े सभी बिन्दुओं की एक समीक्षा रिपोर्ट भी तैयार की जाए। कोर कमेटी की बैठक में अगस्त से सदस्यता अभियान शुरू करने की रूपरेखा तैयार करने पर भी चर्चा हुई। साथ ही मंडल, ब्लाक, सेक्टर और बूथ स्तर तक के संगठन को फिर से तैयार करने, प्रदेश कार्यसमिति की तैयारियों और पार्टी के बड़े पदाधिकारियों के प्रवास को लेकर कार्यक्रम तैयार करने पर भी चर्चा हुई है। बैठक में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान से सभी जाति, वर्ग व समुदाय को ज़ोड़ने पर भी चर्चा हुई।

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