देश ने समझा कि आखिर कौन है सनातन धर्म के साथ और कौन खिलाफ ? - मानवी मीडिया

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Tuesday, July 23, 2024

देश ने समझा कि आखिर कौन है सनातन धर्म के साथ और कौन खिलाफ ?


लखनऊ (मानवी मीडिया)दुखद है कि सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम और पहचान बताने के मामले में अंतरिम रोक (Interim Stay Order) लगा दिया, लेकिन उसके पहले देश ने समझा कि आखिर कौन सनातन के साथ है और कौन खिलाफ ? काँवड़ियों भाई तुम्हें योगी आदित्यनाथ प्रशासन का आदेश ही चाहिए क्या ? स्वयं ही एक बार ठान लो कि जहाँ नेम प्लेट ना हो, वहाँ नहीं खाएंगे। क्या उखाड़ लेगी कोर्ट ?

-क्या हिंदू भाई अपने लिए काम कर रही सरकार के सहयोग में आगे नहीं आएंगे ?

-जमीयत नेता महमूद मदनी जो 04 जून 2024 के नतीजे आने के बाद कह रहा था कि मुसलमान ने मोदी से बदला लिया । वो महमूद मदनी अब योगी जी से गिड़गिड़ा कर कह रहा है कि फलों के ठेलों से नाम लगाने वाला फरमान वापस लिया जाए । योगी आदित्यनाथ के इस फैसले से *म्यांमार के संत विराथू* का स्मरण हो जाता है जिन्होंने म्यांमार के रखाइन प्रांत में सभी बौद्ध से एक विशेष स्टीकर लगाने के लिए कहा था, जिसके बाद म्यांमार के अंदर बौद्धों ने मुस्लिम दुकानदारों का बायकाट कर दिया और मुसलमान की पूरी आर्थिक कमर तोड़ कर रख दी खाने -पीने का मोहताज कर दिया ।

-पिछले 70 सालों में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ क्या-क्या नहीं किया लेकिन पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ा लेकिन जैसे ही भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद किया वैसे ही पाकिस्तान की कमर टूट गई और आज वह पूरी तरह से कंगाल हो चुका है उसकी हेकड़ी निकल चुकी है यही इलाज इस देश के अंदर मौजूद पाकिस्तानियों का करना होगा। 

-यह खबर लिखे जाने तक योगी आदित्यनाथ का यह फैसला पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से, पश्चिम उत्तर प्रदेश से सटे उत्तराखंड के हिस्से, काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर, उज्जैन का पूरा शहर, अयोध्या और बिहार के गया में तो खुद ही लोगों ने यानी कि हिंदुओं ने अपनी दुकानों के आगे अपने नाम चिपका लिए हैं ।

-यह फैसला अब सिर्फ सावन तक नहीं रहेगा, मांग तो नवरात्र में भी उठेगी, मांग तो दीपावली में भी उठेगी, एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक जिहादी रसगुल्ले में मूत कर रसगुल्ला बेच रहा है, आखिर दिवाली में हिंदुओं को ये जानने का अधिकार क्यों नहीं है कि किसकी मिठाई वो खरीद रहे हैं । जल्द ही धीरे-धीरे यह एक नेम प्लेट मूवमेंट बनने जा रहा है जिससे विधर्मियों के आर्थिक बायकाट का श्री गणेश हो जाएगा । अब हिंदुओं को सिर्फ इतना करना है कि वो समान वहीं से लें, जहां से उनकी पवित्रता और शुचिता बनी रहे क्योंकि इंटरनेट पर ऐसे हजारों वीडियो वायरल है जिसमें कि जिहादी माला में थूक रहे हैं, दूध में थूक रहे हैं, दही में थूक रहे हैं, फलों में थूक रहे हैं, रोटी में थूक रहे, मसाज करते हुए मुंह पर थूक रहे, बाल काटते हुए बालों पर थूक रहे, गोलगप्पे के पानी में थूक रहे, सब्जियों को सीवर के पानी से धो रहे हैं, रसगुल्ला में मूत रहे हैं और सबसे बड़ी बात न्यूज़ 18 इंडिया की एंकर रुबिका लियाकत ने खुद यह बात कही कि मुसलमान में किसी को खाना देने से पहले फातिहा पढ़कर उसमें फूंकने की परंपरा रही है लेकिन यह फूंकते फूंकते कब थूक देते हैं यह पता नहीं चलता ।

-कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ता दुकानों पर इस तरह की स्टीकर लगा रहे हैं कि मोहब्बत की दुकान , अभी बिल्कुल साफ हो गया है कि दरअसल राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में थूक का ही सामान है ।

           टीवी पत्रकार अजीत अंजुम इस मुद्दे को लेकर के मुसलमान से ज्यादा आंसू बहा रहा है और जगह-जगह जाकर आम, अमरूद और हवा चेक करके यह पता कर रहा है कि यह हिंदू है कि मुसलमान। अंजुम, नाना पाटेकर की तरह दुनिया को यह बताते फिर रहा है कि रहीम और राम का खून तो एक ही है लेकिन ये नहीं बता पा रहा है कि अगर खून इतना ही एक है तो फिर मक्का के अंदर सिर्फ मुसलमान को ही प्रवेश क्यों है हिंदुओं को क्यों नहीं ?अजीत अंजुम ये प्रचार कर रहा है कि मुसलमान तो कांवड़ियों की सेवा करते हैं लेकिन 2 दिन पहले 19 जुलाई को बिजनौर पुलिस ने अपने प्रेस नोट में यह बताया है कि किस तरह मुसलमान लड़के कांवड़ियों को पीट रहे थे और इसलिए उनको गिरफ्तार में कर लिया गया । इतना ही नहीं अजीत अंजुम आम और अमरूद का धर्म चेक करने के लिए मुजफ्फरनगर पहुंच गया लेकिन मेरठ में जहां जाटव दलितों को मुसलमान ने मारा पीटा और उनकी औरतों से बदतमीजी की, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह दलित औरतें विवाह में परंपरा के रूप में नृत्य कर रही थीं और मुसलमान उनका वीडियो बनाकर उनकी छेड़खानी कर रहा था, छेड़खानी से रोकने पर दलितों को पीट दिया गया, मेरठ तो मुजफ्फरनगर से बहुत नजदीक है लेकिन अजीत अंजुम मेरठ नहीं गया ।

-इतना ही नहीं, समझने वाली बात यह भी है कि उत्तर प्रदेश में योगी जी की सरकार ने दो आदेश एक साथ निकाले। एक यह कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाद्य वस्तुओं के ठेलों, प्रतिष्ठानों पर वास्तविक नाम प्रदर्शित किए जाएँ। दूसरा यह कि हलाल प्रमाणित उत्पाद की बिक्री न की जाए। परंतु इस्लामियों ने जहाँ पहले आदेश पर कोलाहल किया, वहीं दूसरे पर मौन साध गए। कारण यह है कि इस्लामी नहीं चाहते कि हलाल पर अधिक बात हो। उन्हें पता है कि हलाल पर जितनी चर्चा होगी, उतना ही हलाल की गंदगी एवं आतंकी संजाल के वित्तपोषण की अवैध अर्थव्यवस्था की पोल खुलेगी तथा हलाल अर्थव्यवस्था को लेकर हिंदू, सिख, बौद्ध एवं जैन समाज जागरूक होगा ।

-वहीं कांग्रेस द्वारा नियुक्त शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी खुलकर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जहर उगल रहा है यही फर्जी शंकराचार्य मुंबई में उद्धव ठाकरे के यहां पूजा करने भी गया था और उसके बाद इसने उद्धव ठाकरे के पक्ष में बयान भी दिया था, इससे पता लगता है कि इस फर्जी शंकराचार्य को उद्धव ठाकरे ने दक्षिणा नहीं बल्कि रिश्वत दी, हिंदुओं के इतने दुश्मन उनके घर में घुसे हुए हैं और हिंदुओं को पता ही नहीं ...

-वहीं सोनू सूद नाम का एक फिल्म अभिनेता सेकुलरिज्म में इतना पागल हो गया है कि वह मूता हुआ रसगुल्ला और थूका हुआ गोलगप्पा भी खाने को तैयार हो गया, पूरी उम्मीद है कि जल्द ही अंजुम से लेकर रवीश कुमार तक मूता हुआ रसगुल्ला खाकर ये करते नजर आएंगे कि वाह क्या स्वाद है । क्योंकि अजीत अंजुम की दुकान पर दिया जिहादियों के मूत से ही जल रहा है लेकिन आप तो समझदार है । आपको क्या करना है आप जानते हैं ...

       Dr RK Singh     

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