लखनऊ (मानवी मीडिया) राजधानी लखनऊ के सरकारी हॉस्पिटल (सिविल अस्पताल) में पहली बार सारकोमा ट्यूमर ऑपरेशन हुआ। इस ट्यूमर से मरीज की आंत काली पड़ना शुरू हो गई थी। ऐसे में बड़े संस्थान में रेफर करने पर मरीज़ की जान जोखिम में आ सकती थी। सिविल अस्पताल में डेढ़ घंटे के ऑपरेशन में ट्यूमर को निकाला गया। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ है।
लखनऊ की 50 वर्षीय सुमन ने पेट दर्द की शिकायत लेकर बीते शुक्रवार को ओपीडी में डॉ. आनंद मिश्रा को दिखाया। जांच में सामान्य ट्यूमर का पता चला। मरीज को भर्ती कर ऑपरेशन का फैसला लिया गया।
सुमन को मंगलवार को ओटी (ऑपरेशन थिएटर)में ले गए। इस दौरान पाया कि आंतों के पीछे व रीढ़ की हड्डी के बीच में सारकोमा ट्यूमर था। दस इंच का ट्यूमर आंतों को आगे की तरफ व पेशाब नली को दबा रहा था। इससे आंत काली पड़ना शुरू हो गई थी।
सारकोमा ट्यूमर होने से डॉक्टर दूसरे सरकारी संस्थान रेफर करने की तैयारी कर रहे थे। हालांकि, आंतें काली पड़ने पर मरीज की जान बचाने के लिए तत्काल ऑपरेशन का करने का फैसला लिया।
मरीज की आंत काली पड़नी शुरू हो गई थी, रेफर करने पर जोखिम में आ सकती थी जान यह आपरेशन मुफ्त में हुआ
डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि ट्यूमर यूरेटर व मुख्य रक्त शीरा से चिपका था। ऐसे में जरा सी लापरवाही से मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती थी। मरीज आयुष्मान का पात्र था। इस लिए ऑपरेशन में कोई शुल्क नहीं लगा। प्राइवेट अस्पताल में इसका ढाई से तीन लाख रुपये खर्च आता।
इस सफल आपरेशन टीम में इन लोगों का सहयोग रहा
डॉ. आनंद मिश्रा, डॉ. सचिन, बेहोशी के डॉ. एसके सिंह, डॉ. राजेश सिंह, स्वदेश समेत अन्य स्टाफ।
सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि
इस तरह का अभी तक ऐसे ऑपरेशन केजीएमयू, लोहिया व पीजीआई संस्थानों में होते रहे हैं।