बांदा : (मानवी मीडिया) बबेरू कस्बे में चार साल पहले अपनी पत्नी की गर्दन काटने और उसे हाथ में लेकर थाने तक जाने वाले हत्याराेपी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। वहीं आरोपी को अलग-अलग धाराओं में कुल 13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मृत्युदंड की सजा सुनकर आरोपी घबरा गया और वहीं रोने लगा। मृतका के पिता की तहरीर पर दर्ज मुकदमें की पैरवी स्थानीय पुलिस और डीजीसी क्रमिनल ने प्रभावी तरीके से करते हुए आरोपी को फांसी की सजा तक पहुंचाया। समूचे जिले में फांसी की सजा को लेकर चर्चा आम रही और लोगों के जेहन में चार साल पहले की घटना गूंजती रही।
बुधवार को जिला शासकीय अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह परिहार उर्फ मुन्नू परिहार व एडीजीसी उमाशंकर पाल ने बताया कि 9 अक्टूबर 2020 को बबेरू थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार कस्बे के नेता नगर निवासी किन्नर यादव पुत्र दयाराम ने अपनी पत्नी विमला की फरसे से वार करते न सिर्फ हत्या कर दी, बल्कि उसकी कटी हुई गर्दन को हाथ में लेकर पैदल ही थाने पहुुंच गया था। मृतका के पिता रामशरण यादव निवासी अमलोहरा बिसंडा की तहरीर के आधार पर दामाद उसकी पुत्री पर अवैध संबंधों को लेकर शक करता था और इसी वजह से उसने दर्दनाक घटना को अंजाम दिया।
बताते है कि हत्यारोपी किन्नर ने पड़ोसी युवक रविकांत शर्मा को भी खुरपे से वार करके घायल कर दिया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष जयश्याम शुक्ला ने मृतका के पिता की तहरीर पर धारा 302 व 324 के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की गहन विवेचना की और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। वहीं जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विजय बहादुर सिंह परिहार और अपर शासकीय अधिवक्ता उमाशंकर पाल की प्रभावी पैरवी के चलते जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले को जघन्य मानते हुए मृत्युदंड देने का फैसला सुनाया।