नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- बांग्लादेश में फिलहाल माहौल अशांत बना हुआ है। यहां सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, पुलिस भी जवाबी कार्रवाई कर रही है। सरकार नौकरी में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं। हिंसा के चलते स्कूल-कॉलेज और यहां तक की दफ्तरों को भी बंद किया गया है। भारी हिंसा को देखते हुए भारतीय दूतावास सतर्क हो गया है। दूतावास ने बांग्लादेश में मौजूद भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
भारतीय दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में भारतीय समुदाय के लोगों से बेवजह की यात्रा करने से बचने को कहा है। एडवाइजरी में कहा गया कि बांग्लादेश में मौजूदा हालात को देखते हुए वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोग और छात्र किसी यात्रा करने से बचें। भारतीय दूतावास 24 घंटे अपने नागरिकों की सेवा के लिए तत्पर है। भारतीय दूतावास की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी भी किए गए हैं।
बता दें, बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में छात्र सरकारी नौकरियों में लागू कोटा प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन को काफी हद तक रोक रही है। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फर्स्ट और सेकंड क्लास की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए चल रहे विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है। छात्रों की मांग है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं। हालांकि, देखा जाए तो छात्र जिस आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की मांग कर रहे हैं वह मौजूदा समय में है ही नहीं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और पौत्र-पौत्रियों के लिए 30 फीसदी आरक्षण लागू करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई हुई है।