उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) कांवड़ यात्रा पर आतंकी खतरे की आशंका है। इसे देखते हुए कांवड़ रूट को अब टेरेरिस्ट स्क्वायड यानी ATS के हवाले किया जा रहा। शनिवार दोपहर लखनऊ से ATS कमांडो बख्तरबंद गाड़ियों से मुजफ्फरनगर पहुंचे। उन्होंने कांवड़ रूट पर सिक्योरिटी व्यवस्था को जांचा-परखा। मुजफ्फरनगर SSP अभिषेक सिंह ने कहा कि हम तैयार हैं। किसी भी आतंकी हमले का तत्काल जवाब देंगे। करीब 5 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से जल उठाते हैं। इनमें से करीब ढाई करोड़ कांवड़िए मुजफ्फरनगर से होकर जाते हैं।बख्तरबंद गाड़ियों से ATS कमांडो ने कांवड़ रूट पर सिक्योरिटी व्यवस्था देखी। SSP बोले- इस बार कांवड़ यात्रा काफी सेंसिटिवमुजफ्फरनगर SSP अभिषेक सिंह ने कहा- ATS ने शिव चौक को कब्जे में ले लिया है। किसी भी धार्मिक यात्रा में आतंकी हमले का खतरा बना रहता है। इस बार की कांवड़ यात्रा काफी सेंसिटिव है। किसी भी तरह के आतंकियों से निपटने के लिए कमांडो हमें दिए गए हैं। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान कांवड़िया आते हैंSSP ने बताया- शिव चौक हमारा मेन पॉइंट है। यहां दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी से कांवड़िए आते हैं। परिक्रमा कर आगे बढ़ते हैं। इस एरिया को हमने ATS कमांडो को हैंडओवर किया है। कमांडो किसी भी आतंकी हमले का तत्काल जवाब दे सकेंगे। कांवड़ यात्रा के लिए हमने फुल प्रूफ सिक्योरिटी के इंतजाम किए हैं। शिव चौक को घेर कर सुरक्षा में अलर्ट ATS कमांडो। सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों में छुट्टीकांवड़ यात्रा के चलते उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों में स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। यूपी के मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद और उत्तराखंड के हरिद्वार में 26 जुलाई से 2 अगस्त तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। बुलंदशहर डीएम-SSP सड़क पर उतरेइधर, बुलंदशहर में शनिवार को डीएम सीपी सिंह और SSP श्लोक भी सड़क पर उतरे। उन्होंने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अनूपशहर के गंगा घाटों का निरीक्षण किया। कांवड़ियों से बातचीत भी की।
बुलंदशहर डीएम ने कांवड़ मार्ग का जायजा लिया। यूपी में कांवड़ यात्रा का रूट 200 किमी लंबा, पूरा रास्ता पैदल तय करते हैं श्रद्धालुउत्तर प्रदेश में सावन के महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा में देश के अलग-अलग राज्यों के श्रद्धालु शामिल होतें हैं। इन्हें कांवड़िया कहा जाता है। ये कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल लेकर अलग-अलग शहरों में बने शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा का रूट नीचे दिए ग्राफिक से समझिए। कांवड़ यात्रा में 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु, हर साल ₹5000 करोड़ तक का कारोबारकांवड़ यात्रा में हर साल करीब 4 करोड़ श्रद्धालु शामिल होते हैं। करीब एक महीने तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान हर श्रद्धालु एक से डेढ़ हजार रुपए तक खर्च करता है। इस हिसाब से पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान ₹5000 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता है। कांवड़िए खाने-पीने से लेकर हर दिन की जरूरत का ज्यादातर साामान रास्ते में पड़ने वाली दुकानों से ही खरीदते हैं।