लखनऊ : (मानवी मीडिया) मलेरिया के लार्वा को खत्म करने के लिए ड्रोन से मॉस्किटो लारविसाइडल ऑयल का छिड़काव कराया गया। यह पहली बार हुआ है कि डायरिया के बाद मलेरिया से बचाव के लिए अभियान शुरू हुआ है। लखनऊ नगर निगम के जोन छह इलाके में तालाब और नालों में यह छिड़काव हुआ है। जो नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि शहर के 500 से ज्यादा तालाब और नालों में अब यह अभियान तेज होगा। लखनऊ के अलावा यह अभियान पूरे प्रदेश में चलेगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने तय किया है कि साल 2025 तक मलेरिया मुक्त देश करना है। ऐसे में केंद्रीय गाइड लाइन के तहत इस अभियान की शुरुआत की गई है। शाम को 10 हजार से ज्यादा लोग होते हैं इकट्ठा अभियान की शुरुआत घंटाघर के पास की गई। यह लखनऊ का हेरीटेज जोन है। यहां शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों का प्रतिदिन आना होता है। ऐसे में इस इलाके में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। नगर निगम की टीम ने करीब 6 कैमरे का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान करीब 50 से ज्यादा लोगों की टीम मौके पर मौजूद रही।लखनऊ मलेरिया के लार्वा को खत्म करने के लिए ड्रोन से मॉस्किटो लारविसाइडल ऑयल का छिड़काव। ड्रोन की मदद से मॉस्किटो लारविसाइडल ऑयल (एमएलओ) का छिड़काव किया जाएगा। नगर निगम की इस अनोखी पहल को डेंगू और मलेरिया के खिलाफ प्रभावी कदम माना जा रहा है। नगर निगम के प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी व अपर नगर आयुक्त ललित कुमार ने बताया कि ड्रोन की मदद से हम उस स्थान पर भी आसानी से मॉस्किटो लार्विसाइडल ऑयल (एमएलओ) का छिड़काव कर सकेंगे, जहां तक अभी पहुंच नामुमकिन थी। साथ ही इसकी मदद से शहर के हर उस इलाके पर निगरानी रखी जाना आसान हो जाएगा।
यह स्पेशल ऑयल भारत पेट्रोलियम द्वारा तैयार किया गया है। राजधानी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ा अब ड्रोन के जरिए शहर के हर संदिग्ध इलाके पर इस एंटी स्प्रे का छिड़काव किया जाएगा। राजधानी में इन दिनों मच्छरों का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिसके चलते डेंगू व मलेरिया आदि के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। फॉगिंग का असर भी मच्छरों पर नहीं देखने को मिल रहा है। जिसको देखते हुए मॉस्किटो लार्विसाइडल ऑयल (एमएलओ) का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, यह ऑयल प्रदेश में पहली बार राजधानी में इस्तेमाल हो रहा है। जिससे मच्छर 10 दिनों तक पानी में पनप नहीं सकेंगे। नगर निगम ऐसे तालाब, जहां पानी जमाव वाले स्थानों पर मच्छरों के लार्वा पनपने की संभावना सबसे ज्यादा है, वहां छिड़काव कराया जाएगा ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
ड्रोन के जरिए शहर के संदिग्ध इलाके पर इस एंटी स्प्रे का छिड़काव किया जाएगा। भारत पेट्रोलियम ने तैयार किया है ऑयल यह स्पेशल ऑयल भारत पेट्रोलियम द्वारा तैयार किया गया है। इसे डब्ल्यूएचओ के तय मानक के अनुसार मिनरल ऑयल की मदद से तैयार किया गया है। सरकार द्वारा तैयार 12 जरूरी दवाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पानी के ऊपर एक परत की तरह फैल जाता है। जिससे पानी में लार्वा पनप नहीं पाता। कंपनी के मुताबिक, इसको पानी में स्पे्र करने से लार्वा को जीवन के लिए जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिससे वो खत्म हो जाता है। एमएलओ के इस्तेमाल से एनोफिलीज स्टीफेंसी मच्छर, जो मलेरिया के लिए जिम्मेदार होता है, खत्म होता है। इसके अलावा यह एडीज इजिप्टी मच्छर जो डेंगू, चिकनगुनिया, जीका बुखार और पीले बुखार को फैलाता है, उसको भी खत्म कर देता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल करने से वेक्टर्न बार्न बीमारियों से बचा जा सकता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। इसके छिड़काव से मच्छरों को कंट्रोल करने में बड़ी मदद मिलेगी।