नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भारत ने सोमवार को कहा कि 50 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं. इनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा प्रमुख क्षेत्र हैं. नई दिल्ली में मिस्र के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा, 'भारत और मिस्र के बीच आर्थिक सहयोग लगातार विविधतापूर्ण हो रहा है. दोनों पक्ष आपसी लाभ के लिए नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं. 50 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं, जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा प्रमुख क्षेत्र हैं.' मिस्र के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारा आईटी उद्योग भी साझेदारियां स्थापित कर रहा है.
इसके भविष्य में बढ़ने की हमें उम्मीद है. मिस्र हमारे कृषि-निर्यात, विशेष रूप से गेहूं के निर्यात के लिए एक बाजार के रूप में भी खुल गया है. उन्होंने कहा कि इसी अवधि में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी बढ़ा है.' विदेश मंत्री ने कहा, '2021 से हमारी वायु सेनाएं द्विपक्षीय रूप से और बड़े प्रारूप में नियमित अभ्यास कर रही हैं. हमारे विशेष बल भी अपने अभ्यास कर रहे हैं. इस साल जनवरी से भारतीय नौसेना के जहाज मिस्र के बंदरगाहों पर लगातार और नियमित रूप से आते हैं.
हमारे रक्षा उद्योग नई गतिविधियों और सहयोग के माध्यम से पुरानी परंपरा को ताजा कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि दो पुरानी सभ्यताओं के रूप में यह स्वाभाविक है कि सांस्कृतिक सहयोग हमारे संबंधों में प्रमुख स्थान रखता है. जयशंकर ने कहा, 'हमें पता है कि मिस्र में योग बहुत लोकप्रिय है. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने योग संबोधन के दौरान खुद इसका जिक्र किया था. भारतीय भाषाओं को सीखने में भी रुचि है और हमारे विश्वविद्यालयों के बीच बातचीत मजबूत बनी हुई है.'