नई दिल्ली (मानवी मीडिया): लोकसभा चुनाव 2024 में 538 सीटों में पड़े कुल वोटों और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर का दावा किया गया है। यह दावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने किया है। एडीआर के संस्थापक प्रो. जगदीप छोकर ने रिपोर्ट जारी करते हुए दावा किया कि 362 सीटों पर डाले गए कुल मतों में से 5 लाख 54 हजार 598 वोट कम गिने गए हैं। उन्होंने कहा कि 176 सीटों पर डाले गए कुल 35 हजार 93 वोट अधिक गिने गए हैं।
एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 के आम चुनाव की तुलना में 2024 के लोकसभा चुनाव में डाले गए कुल मतों और गिने गए वोटों की संख्या में काफी अंतर है। प्रो. जगदीप छोकर ने लोकसभा चुनाव में हो रही गड़बड़ियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस चुनाव में मतदान का अंतिम आंकड़ा जारी करने में अत्याधिक देरी और मतदान केंद्रों के अलग-अलग आंकड़ों का अभाव और अंतिम मिलान किए गए आंकड़ों के आधार पर चुनाव परिणाम जारी किए गए या नहीं? ये सभी सवाल देश की जनता के मन में उठ रहे हैं।
कई सवालों का जवाब देने में चुनाव आयोग असमर्थ: एडीआर
एडीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने काउंटिंग के आखिरी डेटा को अब तक जारी नहीं किया है। वहीं, आयोग अब तक डाले गए वोट और गिने हुए वोट में अंतर पर जवाब देने में असमर्थ है। मत प्रतिशत में वृद्धि कैसे हुई है। इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव 2024 के परिणामों में 538 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए मतों में काफी विसंगतियां सामने आईं, अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव को छोड़कर।
रिपोर्ट में कहा गया है, “सूरत संसदीय सीट पर कोई मुकाबला नहीं था। इसलिए 538 संसदीय सीट पर कुल 5,89,691 मतों की विसंगति है।” स्वतंत्र पत्रकार पूनम अग्रवाल ने भी प्रेस वार्ता में कहा कि डाले गए मतों और गिने मतों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर उन्हें भी बिल्कुल यही परिणाम मिला।
बता दें कि चुनाव आयोग ने 7 जून को लोकसभा चुनाव 2024 में कुल वोटिंग का आंकड़ा जारी किया था। इस बार कुल मिलाकर 65.79 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह 2019 चुनाव के मुकाबले 1.61 प्रतिशत कम है। पिछली बार कुल आंकड़ा 67.40 प्रतिशत था। रिपोर्ट में साल 2019 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि गया कि 195 सीटें पर डाले गए मतों और काउंटिंग किए गए मतों में किसी प्रकार की विसंगतियां नहीं थी। बताते चलें कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें मिली थी। वहीं, कांग्रेस को 99 सीटें मिली थी।