UPSTF ने कूटरचना कर शासकीय घनमीटर की चोरी करने वाले ,03 अभियुक्त को किया गिरफ्तार - मानवी मीडिया

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Friday, June 14, 2024

UPSTF ने कूटरचना कर शासकीय घनमीटर की चोरी करने वाले ,03 अभियुक्त को किया गिरफ्तार



लखनऊ (मानवी मीडिया)एस0टी0एफ0, उ0प्र0 को रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) में कूटरचना कर शासकीय घनमीटर की चोरी/गबन कर की चोरी करने वाले गिरोह का भण्डाफोड़, 03 अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। 

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः-

1- अरविन्द सिंह उर्फ पिन्टू सिंह पुत्र स्व अजय कुमार सिंह, निवासी-मिलेनियम सिटी करीम नगर चौराहा विष्णुपुर कालोनी नियर र्स्पोट्स कालेज थाना-चिलुआताल गोरखपुर, स्थायी पता-ग्राम-राउतमऊ सठियाव स्टेशन आजमगढ़।

2- अमित यादव पुत्र उमेश चन्द्र यादव निवासी-गिरघरगंज पेट्रोल पम्प की बगलवाली गली एम्स के सामने थाना एम्स गोरखपुर स्थायी पता-ग्राम भण्डरो जगतवेला थाना-चिलुआताल गोरखपुर। 

3- मो0 आमिर पुत्र मो0 अमीन निवासी-मिर्जापुर सोने के कलशे वाली मस्जिद के पास थाना राजघाट गोरखपुर।

बरामदगीः-

1-03 अदद मोबाइल (विभिन्न कम्पनी)

2-01 अदद लैपटाप (एच0पी0)

3- 23 अदद फर्जी/कूटरचित रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे)

गिरफ्तारी का स्थान-

दिनांक 14-06-2024 समय 01.40 बजे थाना एम्स जनपद गोरखपुर।

विगत कुछ माह से एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश लखनऊ को सूचना प्राप्त हो रही थी की कुछ लोगों द्वारा गिरोह बनाकर पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में गैंग बनाकर रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) में कूटरचना कर शासकीय धन/राजस्व का गबन कर रहे है। इस सूचना पर एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई गोरखरपुर द्वारा अभिसूचना संकलन किया जा रहा था।

अभिसूचना संकलन के कार्यवाही के दौरान दिनांक 13-06-2024 को निरीक्षक  सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक टीम द्वारा उपरोक्त अभियुक्तों को प्रभारी निरीक्षक एम्स श्री संजय कुमार सिंह से प्राप्त सूचनाओं के सम्बन्ध में वार्ता करने के उपरान्त पूछताछ हेतु बुलाया गया था।  तत्पष्चात पूछताछ के आधार पर इनकी संलिप्तता पाये जाने पर इनको गिरफ्तार कर लिया गया। 

अरविन्द सिंह उर्फ पिन्टू सिंह ने पूछताछ पर बताया कि वर्ष 2015-16 से गिट्टी-मोरंग बालू सप्लाई का काम करता है। कई कम्पनियों से काम लेकर उनको गिट्टी-मोरंग, बालू सप्लाई करता है। रॉयल्टी में हेरफेर करने का तरीका के बारे में पूछने पर बताया कि जब किसी सरकारी कार्य में कोई कम्पनी/ठेकेदार को माल (गिट्टी/मोरंग) सप्लाई करना होता है तब ट्रकें ओवरलोड आती थी और जितने ट्रक में माल (गिट्टी/मोरंग) आना चाहिये उससे कम ट्रक में ही माल (गिट्टी/मोरंग) आ जाता था। जितने ट्रक का माल (गिट्टी/मोरंग ) कम्पनी लाती है उतने का रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) कम्पनी को मिल जाता है तथा ओवरलोड के मात्रा को अन्य ट्रकों में समायोजित करने के लिये उन ट्रको की बिल बाउचर व रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) की आवष्यकता पड़ती है। तत्पश्चात क्रशर मालिक अतिरिक्त बिल बाउचर उपलब्ध करा देता है। रॉयल्टी के लिए अरविन्द सिंह ट्रक ड्राइवरों से और क्रशर मॉलिक से सम्पर्क करता है। ट्रक ड्राइवरों के पास रॉयल्टी अतिरिक्त रहता है। क्योंकि जब वह किसी के व्यक्तिगत कार्यों के लिए ट्रक से माल लाते हैं तो उस व्यक्ति को रॉयल्टी के पेपर की जरूरत नहीं रहती, तब ट्रक ड्राइवर उनका रॉयल्टी अपने पास रख लेते हैं। उन ट्रक डाईवरों से वह अप्रयुक्त रायॅल्टी अरविन्द स्वयं ले लेता है। क्रशर मालिक यदि कोई विभागीय कार्य के लिए माल ले जा रहा है तो उसके नाम से ड्राइवर को रायॅल्टी/रवन्ना देता है, यदि व्यक्तिगत कोई अपने कार्य के लिए ले जा रहा है तो अतिरिक्त पन्ना भी क्रशर मालिक रख लेता है। कभी-कभी ड्राइवर क्रशर मालिक को अपना व्यक्तिगत कार्य से ले जाने वाले माल के रॉयल्टी/रवन्ना को बेच देते हैं। अरविन्द सिंह क्रशर मालिक और ड्राइवर से सम्पर्क करके लगातार रायॅल्टी/रवन्ना लेता रहता है। जिससे जरूरत पड़ने पर कम्पनी को रायॅल्टी उपलब्ध करा सके। अरविन्द सिंह अवैध तरीके से प्राप्त रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) को कूटरचना कर कम्पनी/ठेकेदारों को अतिरिक्त धन लेकर देता है। अरविन्द सिंह ने अमित यादव उपरोक्त को अपने कार्य के लिये रखा है। अरविन्द सिंह को रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) पी0डी0एफ0 फार्मेट में मिलता है, उसे वह जरिये व्हाट्सएप अमित यादव को भेजता है। अमित यादव उसे अपने लैपटाप में सेव कर लेता है। तत्पष्चात अरविन्द और अमित मिलकर पी0डी0एफ0 एडिटर साफ्टवेयर के जरिये रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) में कूटरचना कर गाड़ी का रजिस्ट्रेषन नम्बर, जनेरेटेड दिनांक, वैधता दिनांक, लीज का जनपद इत्यादि जैसा कम्पनी/ठेकेदारों को जरूरत होती है, उपलब्ध करा देता है। कम्पनी/ठेकेदार ने जिस तारीख में काम कराया है उस तारीख का रॉयल्टी नहीं होता तब उसे कूटरचित/फर्जी रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) की जरूरत पड़ती है। इस तरह फर्जी/कूटरचित रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) तैयार कर बिल बाउचर लगाकर कम्पनी/ठेकेदार सम्बंधित विभाग से पैसा प्राप्त कर लेता है। जो राजस्व सरकार के खाते में जाना चाहिए वह नहीं जाता है। अरविन्द को एक रॉयल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) का 35 से 60 रूपये घनमीटर के रेट से कम्पनी/ठेकेदार देता है। च्ॅक्ए जिला पंचायत, नगर निगम, छभ्।प्ए मण्डी समिति, सिडको, सिंचाई विभाग, विकास प्राधिकरण आदि संस्थाओं में रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) का प्रयोग होता है। बिना काम किये ही माल गिट्टी/मोरंग बालू का बिल बनाकर कूटरचित रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) लगाकर पैसा प्राप्त कर सम्बंधित विभाग के लोग, कम्पनी/ठेकेदार मिलकर आपस में बाँट लेते है। 

 अमित यादव ने पूछताछ में बताया कि बी.काम की पढ़ाई किया है। उसकी जान-पहचान अरविन्द सिंह से पिछले डेढ़-दो वर्षाें से है। अरविन्द रॉयल्टी/रवन्ना का पन्ना व्हाट्सएप के जरिये भेजता था। उसे अपने लैपटाप में सेव करता था फिर जिस दिनांक/गाड़ी रजिस्ट्रेशन नम्बर की आवश्यकता कम्पनी/ठेकेदार को होती थी, उसको पी0डी0एफ0 एडिटर साफ्टवेयर से एडिट कर के अरविन्द को व्हाट्सएप कर देता था। फिर अरविन्द उसे जिसे देना होता था उसको देता था। अरविन्द जो भी व्हाट्सएप भेजता है उसका रिकार्ड अपने पास रखता था। 

मो0 आमिर ने पूछताछ पर बताया कि तीन तरह की रॉयल्टी होती है 1-प्ैज्च्ए 2-मथ्तवउ. ब् ए 3-म्डड11च्ॅक् विभाग में जब बिल और रॉयल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) की फीडिंग की जाती है तब साफ्टवेयर केवल म्डड 11 नम्बर, प्ैज्च् नम्बर, 2-मथ्तवउ. ब् है, तो उसका नम्बर चेक करता है, अगर रॉयल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) टंसपक है तो नचसवंक हो जाता है, अगर नहीं अंसपक है तो पदअंसपक हो जायेगा और प्छट।स्प्क् होने पर ठेकेदार को छः गुना पेनाल्टी देना पड़ेगा। जिस कारण से प्छट।स्प्क् हुआ उसकी कोई जॉच च्ॅक् विभाग नहीं करता है। यह भी बताया कि लगभग सभी विभागों में रॉयल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) के फीडिंग में प्रयुक्त साफ्टवेयर यह नहीं पता कर पाता कि रवन्ना/रॉयल्टी कब का निर्गत है। तारीख और समय में कूटरचना होने पर भी फीडिंग में कोई परेशानी नही होती है। केवल कोड नम्बर से ही रॉयल्टी की वैधता की जॉच हो जाती है। मो0 आमिर ने बताया कि जिस कम्पनी/ठेकेदार को रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) की आवश्यकता होती है उसका सर्म्पक अरविन्द और अमित से करा देता है। उसके बाद जैसा भी रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) की आवश्यकता होती है हम तीनोे मिलकर उपलब्ध मूल (किसी सरकारी संस्था में अप्रयुक्त) रायॅल्टी/रवन्ना में साफ्टवेयर के माध्यम से कूटरचना कर कम्पनी/ठेकेदार को उपलब्ध करा देते है। मो0 आमिर ने बताया कि उसे यह भली-भॉति पता होता है कि कौन रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) कूटरचित/फर्जी है। कुछ रायॅल्टी/रवन्ना को अरविन्द व अमित के साथ मिलकर कूटरचित/ फर्जी तरीके से तैयार करता था। आमिर उपरोक्त ने बताया कि रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) फीड करते समय वर्क बाण्ड जे0ई0 द्वारा प्रदत बिल भी होता है, डेस्टिनेषन जिस जनपद का होता है उसी जनपद में रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) स्वीकृत होता है। मो0 आमिर को अरविन्द और अमित जितना रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) देते है उन सभी का ेनउउंतल बना कर अरविन्द को भेज देता है। फिर अरविन्द उसे सम्बंधित कम्पनी/ठेकेदार को भेज देता है। उसी ेनउउंतल के हिसाब से 35 रूपये घनमीटर के हिसाब से आमिर को पैसा मिल जाता है। 

मोबाइल का व्हाट्सएप एवं व्हाट्सएप डाक्यूमेण्ट चेक किया गया तो अनगिनत संख्या में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) सेव है इनमें से कुछ रायॅल्टी/रवन्ना (डवअमउमदज च्ंेे) की वैधता जॉच हेतु  रामपदारथ सिंह ज्येष्ठ खनन अधिकारी गोरखपुर को थाने पर बुलाया गया। उन्होने क्यू0आर कोड स्कैनर व अपने विभागीय एप्प के जरिये चेक करके बताया कि सभी को कूटरचना कर फर्जी तरीके से बनाया गया है।

उपरोक्त के सम्बन्ध में मु0अ0सं0 294/2024 धारा 409/416 /419/420/467/468 /471/474/120 बी /201 भा0द0वि0 व 68 आई0टी0 एक्ट का अभियोग थाना एम्स जनपद गोरखपुर पंजीकृत कराया गया है, अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।

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