लखनऊ : (मानवी मीडिया) SGPGI में प्रॉस्टेट कैंसर से जूझ रहे मरीज की सफल सर्जरी कर डॉक्टरों ने बड़ी राहत दी है। सर्जरी के बाद मरीज की फास्ट रिकवरी हुई। यूरीन लीकेज जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। साथ ही इरेक्टाइल फंक्शन भी पहले जैसे ही दुरुस्त रहा। संस्थान के डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया की ये पहली ट्रांसवेसिकल मल्टीपोर्ट रोबोटिक रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टॉमी सर्जरी की गई है। जो यूरीन साइंस और रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।
डॉ. उदय प्रताप सिंह, SGPGI साढ़े 3 घंटे चली सर्जरी SGPGI के यूरोलॉजी विभाग के सर्जन डॉ. उदय प्रताप सिंह ने बताया कि प्रॉस्टेट कैंसर की जद में आए 62 साल के मरीज को कुछ दिन पहले संस्थान में गंभीर हालत में भर्ती किया गया था। जांच के दौरान कैंसर की पुष्टि हुई। 26 जून को ट्रांसवेसिकल रोबोटिक रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टॉमी यानी मूत्राशय के अंदर से प्रॉस्टेट को हटाने की सर्जरी की गई। लगभग साढ़े 3 घंटे की सर्जरी के बाद मरीज को वॉर्ड में शिफ्ट करने के बाद शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। बिना चीरा लगाए हुई सर्जरी डॉ.उदय प्रताप ने बताया कि फिलहाल सिंगल पोर्ट रोबोटिक मशीन का प्रयोग सिर्फ अमेरिका में हो रहा है।
संस्थान में मल्टी पोर्ट मशीन से सिंगल पोर्ट के रिजल्ट्स देने में मेडिकल टीम सफल रही। इससे चलते मरीज की जल्दी रिकवरी के साथ गंभीर टिश्यू को डैमेज होने से बचा लिया गया। इस दौरान बिना चीरा लगाए सर्जरी पूरी की गई। नए मानक होंगे तैयार डॉ.उदय प्रताप ने बताया इस विधा से प्रॉस्टेट कैंसर सर्जरी के लिए नया मानक तैयार होगा। अधिक डेटा होने के साथ इसमें और सुधार भी किए जा सकते हैं। यही कारण हैं कि आने वाले दिनों में पारंपरिक सर्जरी के कारण होने वाले समस्याओं से निजात मिलने के साथ मरीज के जीवन में बड़ा बदलाव भी लाया का सकेगा।