लखनऊ : (मानवी मीडिया) मोहनलालगंज तहसील से 10 किलोमीटर की दूरी पर सोहावा गांव है। जहां बुधवार शाम एक लड़की का शव पुलिस ने कब्र से बाहर निकाला। चोरी से शव दफनाए जाने की चर्चा गांव में हर किसी की जुबान पर है। जिस समय शव निकाला जा रहा था, पूरा गांव वहां मौजूद था। सबके यह पूरा मामला एक महीने यानी 5 मई का है। पिता ने अपनी 14 साल की बेटी का शव घर में ही दफना दिया था। तब पत्नी मायके में थी। 15 दिन बाद फोन करके उसे बताया कि बेटी घर से भाग गई है। वह घर पहुंची तो पति ने उसे बंधक बना लिया और घर से कहीं बाहर नहीं जाने देता था।
पत्नी किसी तरह घर से निकली और थाने पहुंचकर केस दर्ज कराया। पूरी घटना को समझने के लिए दैनिक भास्कर मोहनलालगंज के सोहावा गांव पहुंचा। आइए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं पिता के अपराध की कहानी… शराब का आदी है बेटी को दफनाने वाला पिता पिता सजीवन के 3 भाई हैं। 100 बीघा खेती की जमीन है। तीनों अपने-अपने हिस्से की खेती करते हैं। इसके अलावा सजीवन मजदूरी करता है। उसके परिवार में 7 लोग हैं। 2 बेटे, 2 बेटी, पत्नी और बूढ़ी मां। बड़ी बेटी की शादी हो गई है। सजीवन शराब का आदी है और शराब पीने के वह बाद अक्सर पत्नी और बच्चों को मारता था।
मोहनलालगंज में आरोपी पिता को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस की टीम। पत्नी को इतना मारा की उसका पैर टूट गयामार्च के महीने में होली के आसपास सजीवन शराब पीकर घर पहुंचा। होली का त्योहार नजदीक था। पत्नी सुनीता ने घर में कुछ न होने की बात कही तो उसने मारपीट शुरू कर दी। पत्नी को डंडे से इतना मारा कि उसका पैर टूट गया।
पिटाई से गुस्सा होकर पत्नी मायके चली गई। अब पिता दोनों बेटों और छोटी बेटी के साथ गांव में रहने लगा। लेकिन सजीवन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। वह रोज शराब पीकर घर आता और मारपीट करता। बच्चे डर की वजह से देर रात अक्सर घर का दरवाजा नहीं खोलते थे। पिता के साथ बच्चे डर-डरकर रहने लगे थे।
मां के साथ दोनों बेटे अमर और समर, जिन्हें पिता ने चुप रहने की धमकी दी थी। अब जानते हैं घटना कैसे हुई5 मई सुबह 7 बजे दोनों बेटे अमर और समर सोकर उठे। उन्हें पिता सजीवन ने बताया कि बहन ने फांसी लगा ली है। दोनों बेटे सामने वाले कमरे में पहुंचे लेकिन वहां बहन का शव फांसी पर लटका नहीं देखा। शव जमीन पर था और उसके गले पर पंजे का निशान बना हुआ था। इसके बाद पिता ने शव को घर के पीछे रखे भूसे में छिपा दिया। दोनों बेटों को चाकू दिखाकर बोला, किसी को बताया तो तुम दोनों को भी जान से मार दूंगा। बच्चे डर की वजह से दिनभर घर से नहीं निकले। उसी रात पिता ने घर के पीछे बने छप्पर के नीचे 4 फुट गढ्ढा खोदा और 4 पैकेट नमक डालकर बेटी का शव दफन कर दिया।
शव को दिनभर इसी भूसे के ढेर में छुपाए रखा। रात होने पर घर के पीछे ठिकाने लगा दिया। 15 दिन बाद पत्नी को बेटी के भाग जाने की जानकारी दीमृत लड़की के मामा जयशंकर ने पुलिस को बताया कि मेरी बहन मेरे घर पर थी। जीजा ने फोन कर उसे बताया कि रंजना लापता हो गई है। वह बिना किसी को बताए अपने घर चली गई। उसने सजीवन से कहा, पुलिस के पास चलो लेकिन वह नहीं गया। इतना ही नहीं उसे भी घर से नहीं निकलने देता था। बेटों ने अपने दोस्तों को दी थी जानकारी इधर, अमर और समर घटना के बाद से किसी को कुछ नहीं बता पा रहे थे। शुरू के दिनों में तो घर से भी नहीं निकलते थे।
कुछ दिन बाद निकलना शुरू किया तो दोस्तों को बताया कि पिता ने बहन को घर के पीछ दफना दिया है। लेकिन गांव में सजीवन के रवैया बेहद खराब है। जिसकी वजह से उससे कोई बातचीत नहीं करता है। किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह सजीवन से पूछ सके। फिर कुछ दिन बीतने के बाद मृत बेटी की मां ने अपने भाई से संपर्क किया। भाई आया और बहन सुनीता को लेकर थाने गया, जहां उसने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस वाले पूछताछ करने गांव पहुंचे। अगल-बगल वालों से बातचीत के बाद पुलिस को शक हो गया कि बेटी को गायब करने में पिता का ही हाथ है।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इसके बाद सजीवन को थाने बुलाकर पूछताछ शुरू की गई। सख्ती दिखाने पर वह टूट गया और पुलिस को बताया कि बेटी को घर के पीछे दफन कर दिया है। हालांकि उसने बेटी की हत्या करने की बात नहीं कबूली। वह जोर देकर कहता रहा कि बेटी ने फांसी लगा ली थी।
पड़ोसियों को था पिता पर शक आसपास के लोगों ने दबी जुबान में बताया कि वह नशे का आदी है। रोजाना शराब पीकर पत्नी से मारपीट करता था। ढाई महीने से पत्नी घर पर नहीं थी। संभावना है कि सजीवन ने पहले गलत काम किया है और उसके बाद बेटी को मार दिया। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और रिपोर्ट के बाद सब साफ हो जाएगा।