लखनऊ : (मानवी मीडिया) लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त कॉलेज शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने शिक्षकों को पीएचडी के लिए 10 फीसदी सुपरन्यूमेरिक सीटों का आरक्षण देने की मांग उठाई है। इसके लिए संघ की ओर से कुलपति को पत्र लिखकर मांग पर विचार करने का अनुरोध किया गया है। लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने कुलपति प्रो. आलोक राय को भेजे गए पत्र में कहा है कि शासनादेश में यूजीसी विनियमन 2018 की विनियमन संख्या 18 (ख) में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों को पीएचडी उपाधि पाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सेवारत शिक्षकों के लिए 10 फीसदी सुपरन्यूमेरिक सीटों के आरक्षण का प्रावधान है।
इसके साथ ही उन्हें ऑनलाइन कोर्स वर्क पूरा करने का भी निर्देश दिया गया है लेकिन पीएचडी अध्यादेश 2023 में इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में इस निर्णय से शिक्षकों में काफी नाराजगी है। पूर्व में हुई प्रवेश समिति की बैठक में अध्यादेश में परिर्वतन किए जाने का प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है। इसके बाद भी अभी तक यह लागू नहीं हो सका है। डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि कुलपति की ओर से चुनाव आचार संहिता के बाद शिक्षकों के हित में निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया था। अब जबकि लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है तो इस संबंध में कार्रवाई होनी चाहिए।