उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित था। मुखर्जी पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1953 में "एक देश, एक प्रधान, एक विधान और एक निशान" के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।उन्होंने कहा,‘‘ देश 1947 में आजाद हुआ और 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया। लेकिन संविधान लागू करने के साथ ही तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार ने देश के संविधान में अनुच्छेद 370 जोड़कर राष्ट्रीय अखंडता को गंभीर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तत्कालीन सरकार की मंशा को ध्यान में रखते हुए डॉ. मुखर्जी, जो उस समय केंद्र सरकार में मंत्री थे, ने अपना पद छोड़ दिया और देश की प्रतिष्ठा और अखंडता के लिए कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए एक बड़ा आंदोलन शुरू किया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें कश्मीर सत्याग्रह के लिए अपना जीवन बलिदान करना पड़ा, जिसे उन्होंने भारतीय जनसंघ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शुरू किया था। कश्मीर में धारा 370 हटाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए योगी ने कहा कि ''डॉक्टर मुखर्जी का जो सपना था वह सपना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कश्मीर में धारा 370 समाप्त कर एक देश में एक प्रधान, एक विधान और एक निशान की उन भावनाओं का सम्मान करने का कार्य भाजपा की सरकार ने किया है।''
उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित था। मुखर्जी पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1953 में "एक देश, एक प्रधान, एक विधान और एक निशान" के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।उन्होंने कहा,‘‘ देश 1947 में आजाद हुआ और 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया। लेकिन संविधान लागू करने के साथ ही तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार ने देश के संविधान में अनुच्छेद 370 जोड़कर राष्ट्रीय अखंडता को गंभीर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तत्कालीन सरकार की मंशा को ध्यान में रखते हुए डॉ. मुखर्जी, जो उस समय केंद्र सरकार में मंत्री थे, ने अपना पद छोड़ दिया और देश की प्रतिष्ठा और अखंडता के लिए कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए एक बड़ा आंदोलन शुरू किया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें कश्मीर सत्याग्रह के लिए अपना जीवन बलिदान करना पड़ा, जिसे उन्होंने भारतीय जनसंघ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शुरू किया था। कश्मीर में धारा 370 हटाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए योगी ने कहा कि ''डॉक्टर मुखर्जी का जो सपना था वह सपना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कश्मीर में धारा 370 समाप्त कर एक देश में एक प्रधान, एक विधान और एक निशान की उन भावनाओं का सम्मान करने का कार्य भाजपा की सरकार ने किया है।''