(मानवी मीडिया) : सोचिए अगर कोई शख्स हाथ में अपना दिल लेकर सार्वजनिक स्थान पर पहुंच जाए तो क्या होगा। ऐसा हुआ है वो भी एयरपोर्ट पर जहां एक महिला हाथ में अपना दिल लेकर पहुंच गई। महिला के हाथ में दिल देखते ही सिक्योरिटी में हड़कंप मच गया और फिर जो हकीकत सामने आई वह तो और भी चौंकाने वाली थी। हाथ में दिल लेकर एयरपोर्ट पहुंचने वाली महिला का नाम जेसिका मैनिंग है। यहां यह जानना भी जरूरी है कि जेसिका अलग स्थिति के साथ पैदा हुई है। कुदरत ने जेसिका को ऐसा बनाया है कि वो अपने शरीर के अंदरूनी अंगों को प्लास्टिक के बैग में पैक करके घर में रखती है। उसकी लाइफ दवा और मशीनों के सहारे चलती है। द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूज़ीलैंड की रहने वाली जेसिका मैनिंग ने अपने दिल और जिगर के ट्रांसप्लांट की सर्जरी कराई थी। आठ साल पहले उसकी ओपन सर्जरी हुई थी। जेसिका छह हार्ट डिफेक्ट्स के साथ पैदा हुई थी। ट्रांसप्लांट के बाद उसने अपना हार्ट रिसर्च के लिए डोनेट कर दिया था। 10 महीने बाद जब रिसर्च का काम पूरा हो गया तो उसे अपना निकाला हुआ दिल वापस मिल गया। ऐसे में वो ऑस्ट्रेलिया से वापस अपने घर आना चाहती थी।
(मानवी मीडिया) : सोचिए अगर कोई शख्स हाथ में अपना दिल लेकर सार्वजनिक स्थान पर पहुंच जाए तो क्या होगा। ऐसा हुआ है वो भी एयरपोर्ट पर जहां एक महिला हाथ में अपना दिल लेकर पहुंच गई। महिला के हाथ में दिल देखते ही सिक्योरिटी में हड़कंप मच गया और फिर जो हकीकत सामने आई वह तो और भी चौंकाने वाली थी। हाथ में दिल लेकर एयरपोर्ट पहुंचने वाली महिला का नाम जेसिका मैनिंग है। यहां यह जानना भी जरूरी है कि जेसिका अलग स्थिति के साथ पैदा हुई है। कुदरत ने जेसिका को ऐसा बनाया है कि वो अपने शरीर के अंदरूनी अंगों को प्लास्टिक के बैग में पैक करके घर में रखती है। उसकी लाइफ दवा और मशीनों के सहारे चलती है। द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूज़ीलैंड की रहने वाली जेसिका मैनिंग ने अपने दिल और जिगर के ट्रांसप्लांट की सर्जरी कराई थी। आठ साल पहले उसकी ओपन सर्जरी हुई थी। जेसिका छह हार्ट डिफेक्ट्स के साथ पैदा हुई थी। ट्रांसप्लांट के बाद उसने अपना हार्ट रिसर्च के लिए डोनेट कर दिया था। 10 महीने बाद जब रिसर्च का काम पूरा हो गया तो उसे अपना निकाला हुआ दिल वापस मिल गया। ऐसे में वो ऑस्ट्रेलिया से वापस अपने घर आना चाहती थी।