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Friday, June 7, 2024

सोशल मीडिया माध्यमों से ग्राम पंचायतों की स्वतंत्रता को प्रभावित करने का फैलाया जा रहा है भ्रामक खबरें


लखनऊ (मानवी मीडिया)निदेशक पंचायतीराज  अटल कुमार राय ने बताया कि ग्रामीणजनों को आवश्यक जनसेवायें उनकी अपनी ग्राम पंचायत में ही उपलब्ध हो सके इसके लिए प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय स्थापित किये गए है। उन्होंने बताया कि जुलाई 2021 तक लगभग 33000 पंचायत भवनों का जीर्णोद्धार / मरम्मत कराया गया तथा अवशेष ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण कराकर ग्राम सचिवालय स्थापित किया गया। जिसमें लगभग रु. 5000 करोड़ का व्यय हुआ है।

  राय ने बताया कि साथ ही ग्राम सचिवालय संचालन हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पंचायत सहायक/एकाउन्टेन्ट कम डाटा इण्ट्री आपरेटर की तैनाती की कार्यवाही भी की गई जोकि कार्यालय अवधि में संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम सचिवालय में उपस्थित रहते है। 

निदेशक पंचायतीराज ने बताया कि ग्राम सचिवालय को कार्यालय के रूप में विकसित किये जाने हेतु सचिवालय में कार्यालय उपकरण यथा कम्प्यूटर, प्रिन्टर, इण्टरनेट, कुर्सी, मेज इत्यादि की भी व्यवस्था कराई गई। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ग्राम सचिवालयों में जनसेवा केन्द्र स्थापित किये जाने की कार्यवाही की गई। जिसमें कुल 243 जनसेवाओं को ग्रामीण जनों को प्रदान करना प्राविधानित है जिसका उ‌द्देश्य यह था कि ग्रामीणजनों को विकास खण्ड/जनपद स्तर पर न जाना पडें एवं यह सुविधाएं उन्हें अपनी ग्राम पंचायत पर ही उपलब्ध हो जाये। 

 राय ने बताया कि यह पाया गया कि कतिपय ग्राम सचिवालय क्रियाशील नहीं हो पा रहे तथा ग्राम पंचायतों द्वारा ग्राम सचिवालय से भुगतान आदि न करके अन्यत्र स्थानों यथा साइबर कैफे इत्यादि से किया जा रहा है।

ग्राम सचिवालयों को क्रियाशील बनाने हेतु यह अनिवार्य किया गया है कि समस्त पंचायतों में ई-ग्राम स्वराज तथा पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से ऑनलाईन भुगतान ग्राम सचिवालय में स्थापित कम्प्यूटर सिस्टम एवं इण्टरनेट के माध्यम से ही किया जाएगा। जिसके अनुश्रवण हेतु पंचायत गेटवे पोर्टल की व्यवस्था की गई जिसमें पंचायत गेट-वे पोर्टल ग्राम सचिवालय में स्थापित कम्प्यूटर में इंस्टाल कराया गया तथा इसी पोर्टल के माध्यम से ई-ग्राम स्वराज/पी०एफ०एम०एस० वेबसाईट पर जाकर भुगतान किया जाना प्राविधानित किया गया है, जिससे ग्राम पंचायतों द्वारा किये जा रहे भुगतान की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। 

 राय ने बताया कि उक्त पोर्टल को लागू करने के फलस्वरुप प्रदेश की लगभग 99 प्रतिशत पंचायतों में ग्राम सचिवालय को क्रियाशील करने में प्रदेश द्वारा सफलता प्राप्त हुई किन्तु कतिपय ग्राम पंचायतों द्वारा साईबर कैफे या अन्य स्थानों से अथवा Anydesk/Temviewer जैसे माध्यमो का उपयोग कर सचिवालय के कम्प्यूटर सिस्टम को अन्य किसी स्थान से रिमोट की तरह उपयोग करते हुए भुगतान किया जा रहा था यह स्थिति जनहित एवं पंचायतों को विकास कार्यों हेतु प्राप्त धनराशि के व्यय में पारदर्शिता के विपरीत थी। इसीलिए पंचायत सचिवालयों को शतप्रतिशत क्रियाशील बनाये रखने एवं पंचायतों में पारदार्शिता तथा उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने हेतु पंचायत गेटवे पोर्टल पर जी०पी०एस० / ए०आई० जैसे आधुनिक तकनीकियों को सम्मिलित करते हुए पंचायत सहायक के चेहरे का स्कैन तथा पंचायत सचिवालय के प्रांगण से ही भुगतान की व्यवस्था बनाई गई।

निदेशक  ने बताया कि विगत कुछ दिनों में यह पाया गया है कि कुछ विशेष व्यक्तियों / सगठनों द्वारा सोशल मीडिया माध्यमों यथा व्हॉट्सऐप, यूट्यूब इत्यादि से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि नवीन तकनीकियों का उपयोग कर विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों की स्वतंत्रता एवं विकेन्द्रीकरण को प्रभावित किया जा रहा है। यह पूर्णतया निराधार एवं भ्रामक है। उन्होंने बताया कि पंचायत गेटवे पोर्टल जैसे तकनीकी विकल्पों का एक मात्र उद्देश्य ग्राम सचिवालयों को प्रभावी रूप से क्रियाशील बनाना है। साथ ही ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता तथा निर्बाध जनसेवाओं को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध करना है।


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