लखनऊ : (मानवी मीडिया) बड़ा इमामबाड़ा के पीछे से फूल मंडी को हटाने का नोटिस जारी हुआ है। यह नोटिश हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से जारी किया गया है। नोटिश चस्पा होने के बाद से फूल व्यापारी और किसान चिंतित हैं। मोहम्मद अयाज इसी मंडी में कई सालों से फूल बेच रहे हैं। वह कहते हैं कि यह मंडी यूपी की सबसे पुरानी और बड़ी है। राम मंदिर में जब प्राणप्रतिष्ठा हुई तब दो बार यहीं से फूल अयोध्या भेजा गया था। इसके अलावा लखनऊ में आने वाले नेताओं के स्वागत के साथ साथ यहां के मंदिर और दरगाहों में भी यहीं से फूल जाता है। नवंबर 2023 में में भी हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से नोटिस जारी हुआ था।
तब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से किसानों ने मुलाकात कर अपनी समस्या सुनाई थी। पाठक ने किसानों और व्यापारियों को आश्वासन दिया था कि मंडी नहीं हटेगी लेकिन गुरुवार को फिर से हुसैनाबाद ट्रस्ट ने फूल मंडी को हटाने का नोटिस जारी किया है। यहां के फूल से अटल जी का हुआ था स्वागत अयाज कहते हैं कि यूपी आने वाले सभी बड़े नेताओं के स्वागत के लिए यहीं से फूल जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, मंत्री लालजी टंडन समेत लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह समेत तमाम नेताओं के लिए फूल और माला यहां से जाता है। ऐसे में यह एक अपने आप में ऐतिहासिक मंडी है। फूल वाली गली से 2001 में हुआ था
विस्थापन फूल व्यापारी कल्याण समिति के सचिव मोहम्मद अय्यूब का कहना है कि साल 2001 में बड़े इमामबाड़ा के पीछे फूल मंडी विस्थापित की गई। इससे पहले फूल वाली गली में यह मंडी लगती थी। 2010 में शासन की ओर से पहला नोटिफिकेशन जारी हुआ था। तब कहा गया था कि मंडी को किसान बाजार में शिफ्ट किया जाए। उस समय किसानों के विरोध से मामला शांत हो गया था। यूपी के कई जनपदों से आते हैं किसान फूल व्यापारियों का कहना है कि किसानों के सामने सबसे बड़ा संकट है कि वह यूपी के विभिन्न जनपदों से फूल लेकर आते हैं उन्हें गोमती नगर जाने में बेहद असुविधा होगी और नई जगह ग्राहक भी नहीं मिलेंगे।किसानों का कहना है कि अगर उन्हें गोमतीनगर में फूल मंडी लगाने के लिए दबाव बनाया गया तो वो फूलों की खेती समाप्त करने के लिए बाध्य होंगे।