लखनऊ (मानवी मीडिया)समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग तथा महिला कल्याण विभाग के डेढ़ सौ से अधिक संविदा कर्मियों ने आज लखनऊ में एकत्र होकर विनियमितिकरण के लिए आवाज उठाई। महिला महिला कल्याण विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा कर्मी शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। संविदा कर्मियों की व्यथा को परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने धैर्य से सुना। संविदा कर्मियों को उनके नियंत्रक अधिकारियों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है। अवकाश पर जाने पर वेतन काट लिया जाता है। चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं है। आउटसोर्स कर्मचारियों को मनमाने तरीके मानदेय दिया जा रहा है। महिला कल्याण विभाग की महिलाओं ने अवगत कराया कि प्रमुख सचिव महिला कल्याण ने मौखिक रूप से उनको सेवा पर ना आने के निर्देश दे दिए हैं ।उपस्थित पंजिका पर उनके हस्ताक्षर बंद कर दिए गए हैं तथा एफ आई आर लिखाने की धमकी दी जा रही है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने प्रदेश भर से जुटे हुए सैकड़ो कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अवगत कराया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचा रही है। महिला कल्याण विभाग की संविदा कर्मियों को नौकरी से नहीं निकाले जाने के लिए अपर मुख्य सचिव कार्मिक द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद भी प्रमुख सचिव महिला कल्याण के स्तर से कार्य नहीं लिए जाने के का निर्देश दिया जाना आश्चर्य का विषय है। जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री से अपील किया है कि महिला कल्याण विभाग की कर्मियों को शोषण से मुक्ति दिलाई जाए। 5 महीने से उनके रुके मानदेय का भुगतान कराया जाए ।समाज कल्याण एवं जन जाति विकास विभाग के संविदा शिक्षकों को नियमित किए जाने आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय निर्धारित किए जाने ,चिकित्सीय अवकाश एवं चाइल्ड केयर लीव प्रदान किए जाने की मांग भी शासन स्तर से पूरी कराई जाएगी। समाज कल्याण विभाग में चार संविदा कर्मियों को नौकरी से अलग कर दिया गया है, उनकी बहाली किए जाने, जनजाति विकास विभाग के पांच शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में विभागीय आदेश के बावजूद भी संविदा राशि में संशोधन का लाभ नहीं दिए जाने का प्रकरण भी मुख्य मंत्री जी के संज्ञान में लाया जाएगा। जे एन तिवारी ने जनजाति विकास विभाग की उपनिदेशक प्रियंका पर संविदा कर्मचारियों का शोषण का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग किया है । जे एन ने अवगत कराया है कि यदि जनजाति विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों का शोषण नहीं रोका गया तो संयुक्त परिषद अक्टूबर में बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। आज की बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री अरूणा शुक्ला ,लक्ष्मी आर्या , विनीता रानी, त्रिनेत्र शुक्ला,चंद्र प्रकाश, प्रेमचंद, पूजा सहित विभिन्न जनपदों के समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।