नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भारत ने एक बार फिर श्रेष्ठ वैश्विक मानवीय धर्म निभाते हुए कैरेबियाई देश क्यूबा को बड़ी सहायता भेजी है। भारत की ओर से रविवार को क्यूबा को मानवीय सहायता के तहत 90 टन दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भेजी गई। क्यूबा आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों और दवाओं की कमी से जूझ रहा है। इससे क्यूबा के लोग बीमारियों की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा रहे हैं। भारत की ओर से भेजी गई ये मानवीय सहायता वहां के लोगों की जिंदगी बचाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, "भारत सरकार क्यूबा गणराज्य की सरकार को मानवीय सहायता प्रदान कर रही है। भारत में निर्मित नौ सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) की लगभग 90 टन की एक खेप दो जून को मुंद्रा बंदरगाह से रवाना हुई।" इसमें कहा गया है, "इन एपीआई का उपयोग क्यूबा के दवा निर्माताओं द्वारा टैबलेट, कैप्सूल, सिरप और इंजेक्शन के रूप में आवश्यक एंटीबायोटिक्स का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा, जो पुरानी संक्रामक बीमारियों के उपचार के लिए आवश्यक हैं।
नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भारत ने एक बार फिर श्रेष्ठ वैश्विक मानवीय धर्म निभाते हुए कैरेबियाई देश क्यूबा को बड़ी सहायता भेजी है। भारत की ओर से रविवार को क्यूबा को मानवीय सहायता के तहत 90 टन दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भेजी गई। क्यूबा आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों और दवाओं की कमी से जूझ रहा है। इससे क्यूबा के लोग बीमारियों की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा रहे हैं। भारत की ओर से भेजी गई ये मानवीय सहायता वहां के लोगों की जिंदगी बचाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, "भारत सरकार क्यूबा गणराज्य की सरकार को मानवीय सहायता प्रदान कर रही है। भारत में निर्मित नौ सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) की लगभग 90 टन की एक खेप दो जून को मुंद्रा बंदरगाह से रवाना हुई।" इसमें कहा गया है, "इन एपीआई का उपयोग क्यूबा के दवा निर्माताओं द्वारा टैबलेट, कैप्सूल, सिरप और इंजेक्शन के रूप में आवश्यक एंटीबायोटिक्स का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा, जो पुरानी संक्रामक बीमारियों के उपचार के लिए आवश्यक हैं।