लखनऊ (मानवी मीडिया)आज हिंदू निराश है। इस बार चुनाव में इस बार चुनाव में भले ही कोई व्यक्तिगत व पारिवारिक रिश्ता बीजेपी से चुनाव लड़ रहे नेताओं से नहीं है परंतु फिर भी इस बार भाजपा नेताओं की करारी शिकस्त पर मन व्यथित हो उठा है कहीं ना कहीं लगता है जैसे कोई बहुत अपना नजदीक का चुनाव हार गया है या कुछ अपने से छीन उठा है ।
सच बात है हम जीत तो गए हैं, परन्तु mejority न आने से मन में खुशी नहीं है।
*जिसने राम मन्दिर बनवाया है उसको 32 सीट मिली है और जिसने राम भक्तों को गोलियों से छलनी कर सरयु में डाला है उसको 38 सीट मिली है।* हिन्दुओं तुम्हारे लिए जिसने मुस्लिमों से दुश्मनी मोल ली उसी को धोखा दिया है। आने वाली भावी पीढ़ी तुमको कभी माफ नहीं करेगी। 10 साल तक सरकार चलाने के बावजूद और ऊपर से हिंदू कौम और anti incumbency वोट के बावजूद 291 सीट बहुत बड़ी उपलब्धि है।
इस चुनाव में राज्यों पर हारने का बीजेपी का मुख्य कारण प्रत्याशी का चयन समीकरण ठीक नहीं था। जिसके कारण अधिकांश सीटों पर बीजेपी को हारने का सामना करना पड़ा।हर सीटें नरेंद्र मोदी के नाम से नहीं जीता जा सकता है। कांग्रेस जहां से या समाजवादी पार्टी क्यों पहले से ज्यादा सीटों पर जीती है इस का मुख्य कारण है प्रत्याशी का चयन । जबकि कांग्रेस इस समय ज्यादा मजबूत कहीं से भी नहीं थी। ये केवल अल्पसंख्यकों और पिछड़ी जातियों का कोटा खत्म करने के नाम पर वोट नहीं मिला। बीजेपी नेताओं इस मुद्दे को चुनाव से पहले लोगों में काफी प्रचलित किया। इस मुद्दे को में रखने का विचार प्रकट किया था जो इस समय नहीं कहना चाहिए था। चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद करते तो अच्छा होता। क्योंकि इससे लोगों में धारणा गलत आ गई।वोट बैंक में इसका असर अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जनजाति के लोगों में गलत धारणा आ गई। पब्लिक में चुनाव प्रचार अभियान में बहुत सोच-समझकर बोलना चाहिए। अभी भी जनता गांवों में काफी पिछड़ी हुई है।जो बात अभी भी नहीं समझते। सभी पार्टियों के नेताओं में अपना वोट लेने का तरीका बना लेते हैं और जितने के बाद मुंह मोड़ लेते हैं ।
यह वोटिंग अगर देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री के लिए होती जहां मुस्लिम मेजोरिटी में होता तो मोदी जैसे व्यक्ति को 543 में से 540 मिलती इसलिए 300 सीट को बहुत बड़ी उपलब्धि मानकर खुशी बनाए।
भारत में मुस्लिम की एकता का प्रमाण है कि कोई भी पार्टी ओवैसी को हैदराबाद में नहीं हरा सकती । वही हिंदू अयोध्या में ही बीजेपी को हरा सकती है। कठोर, परंतु सत्य बात बता रहा हूँ, अगर विधानसभा में भी यही समन्वय रहा हो तो दो-तीन दशक में राम मंदिर भी टूट सकता है और गजवाए हिंद भी अपने जीवनकाल में होते देख सकते हैं। यह हिंदुओं द्वारा सामुहिक आत्महत्या का प्रयास है ।
👏🏻 *प्रो. (डॉ.) आर. के. सिंह* - हॉर्टिकल्चर विभाग, सी. सी. आर. (पी.जी.) कालेज; मुज़फ्फरनगर (उ.प्र.) भारत
*पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष,* भारत विकास परिषद हस्तिनापुर विकास रत्न प्रांत; NCR -1 (आर.एस.एस. का अनुषांगिक संगठन) ...
*President,* हिंद एग्री हॉर्टिकल्चरल सोसायटी
*संपादक,* ▪️ *राष्ट्रीय कृषि*
▪️ *Rashtriya Krishi*
*कार्यकारिणी सदस्य,* मीडिया सेंटर, मुजफ्फरनगर
*अधिष्ठाता:* क्षत्रिय धर्मसंसद
*पूर्व जिला संवादाता,* जनसत्ता एक्सप्रेस
*ग्रुप एडमिन,* Kshatriya Matrimonial (निः शुल्क सेवा क्षत्रिय / राजपूत/ ठाकुर समाज के लिए)
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