लखनऊ : (मानवी मीडिया) स्वच्छ भारत मिशन के तहत 77 गांवों को मॉडल बनाने के लिए मिले बजट को वापस करने के आदेश दिए गए हैं। मिशन निदेशक ने नाराजगी जताते हुए संबंधित गांवों को सात दिन में 3.20 करोड़ रुपये वापस करने के आदेश दिए हैं। समय से बजट को वापस न करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2022-23 में चिह्नित गांवों को मॉडल बनाने के लिए शासन से बजट दिया गया था। जिले के जगतपुर ब्लॉक के जगतपुर, सुदामापुर, खीरों के भीतरगांव, खीरों, पाहो, सेमरी, बछरावां के इचौली, नीमटीकर, राजामऊ, रामपुर सुदौली, करनपुर, सरौरा, शेषपुर समोधा, थुलेंडी, हरचंदपुर के जोहवाशर्की, कठवारा, पश्चिमगांव, शिगवढ़ के रायपुर नेरुवा, गूढ़ा, सतांव के हाजीपुर, किलौली, मनेहरू, कोरिहर, पोरई, सतांव, बरदर, सुल्तानपुरखेड़ा समेत 77 गांवों को मॉडल बनाने के लिए 37.41 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। डेढ़ साल बीतने के बाद भी पूरा बजट खर्च नहीं हो सका है। अब तक करीब 34.21 करोड़ रुपये ही खर्च हो सका। इसके लिए पूर्व में संबंधित ग्राम पंचायतों को बजट को खर्च करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन प्रधानों और ग्राम पंचायत अधिकारियों की लापरवाही के कारण बजट खातों में डंप है। मामले में नाराजगी जताते हुए मिशन निदेशक राज कुमार ने संबंधित पंचायतों को 3.20 करोड़ रुपये वापस करने के आदेश दिए हैं। जिले में इस साल 688 गांवों को चिह्नित करके उन्हें मॉडल बनाने के लिए करीब 42 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों को दे दिए गए, लेकिन अब तक 10 प्रतिशत भी बजट खर्च नहीं हो सका है। लोकसभा चुनाव के कारण गांवों में विकास कार्य ठप हो गया। अब डीपीआरओ ने संबंधित पंचायतों को बजट जल्द खर्च करके काम को पूरा कराने का आदेश दिया है।
लखनऊ : (मानवी मीडिया) स्वच्छ भारत मिशन के तहत 77 गांवों को मॉडल बनाने के लिए मिले बजट को वापस करने के आदेश दिए गए हैं। मिशन निदेशक ने नाराजगी जताते हुए संबंधित गांवों को सात दिन में 3.20 करोड़ रुपये वापस करने के आदेश दिए हैं। समय से बजट को वापस न करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2022-23 में चिह्नित गांवों को मॉडल बनाने के लिए शासन से बजट दिया गया था। जिले के जगतपुर ब्लॉक के जगतपुर, सुदामापुर, खीरों के भीतरगांव, खीरों, पाहो, सेमरी, बछरावां के इचौली, नीमटीकर, राजामऊ, रामपुर सुदौली, करनपुर, सरौरा, शेषपुर समोधा, थुलेंडी, हरचंदपुर के जोहवाशर्की, कठवारा, पश्चिमगांव, शिगवढ़ के रायपुर नेरुवा, गूढ़ा, सतांव के हाजीपुर, किलौली, मनेहरू, कोरिहर, पोरई, सतांव, बरदर, सुल्तानपुरखेड़ा समेत 77 गांवों को मॉडल बनाने के लिए 37.41 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। डेढ़ साल बीतने के बाद भी पूरा बजट खर्च नहीं हो सका है। अब तक करीब 34.21 करोड़ रुपये ही खर्च हो सका। इसके लिए पूर्व में संबंधित ग्राम पंचायतों को बजट को खर्च करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन प्रधानों और ग्राम पंचायत अधिकारियों की लापरवाही के कारण बजट खातों में डंप है। मामले में नाराजगी जताते हुए मिशन निदेशक राज कुमार ने संबंधित पंचायतों को 3.20 करोड़ रुपये वापस करने के आदेश दिए हैं। जिले में इस साल 688 गांवों को चिह्नित करके उन्हें मॉडल बनाने के लिए करीब 42 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों को दे दिए गए, लेकिन अब तक 10 प्रतिशत भी बजट खर्च नहीं हो सका है। लोकसभा चुनाव के कारण गांवों में विकास कार्य ठप हो गया। अब डीपीआरओ ने संबंधित पंचायतों को बजट जल्द खर्च करके काम को पूरा कराने का आदेश दिया है।