लखनऊ : (मानवी मीडिया) यूं तो जालसाजों ने लाखों की संख्या में लोगों से विभिन्न तरीकों से करोड़ों रुपये हड़पे होंगे लेकिन बीते पांच सालों में उन्होंने तीन बड़े हाथ मारने का साजिश रची। इसमें यूपीडा, कोआपरेटिव बैंक और एकेटीयू से जालसाजों ने कुल 725 करोड़ हड़पने की साजिश रची। 394 करोड़ रुपये ठिकाने भी लगाए लेकिन पुलिस ने लगभग पूरी रिकवर करा दी। इसमें कुल कुल 29 आरोपी गिरफ्तार किए गए लेकिन 15 की तलाश अभी भी की जा रही है। साइबर क्राइम थाने की टीम व एसटीएफ के अनुसार, पहला मामला वर्ष 2020 में सामने आया जब उत्तर प्रदेश राज्य मार्ग प्राधिकरण (यूपीडा) के खाते से जालसाजों ने 125 करोड़ रुपये उड़ा लिये। वहीं, अक्तूबर 2022 में हजरतगंज स्थित कोआपरेटिव बैंक मुख्यालय से 300 करोड़ रुपये उड़ाने की साजिश रची और 149 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिये। लिमिट तय होने के कारण 151 करोड़ जालसाज ट्रांसफर नहीं कर सके। इसके बाद जून 2024 में एकेटीयू के खाते में सेंध लगाते हुए जालसाजों ने 300 करोड़ हड़पने की साजिश रची। इसमें 120 करोड़ रुपये उड़ा भी लिए। इन दोनों ने सचिवालय में तैनात रामराज व गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर रकम उड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये खर्च किए थे। रकम की हेराफेरी के लिए मुंबई के तीन हैकरों की सेवाएं लीं। इस मामले में कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ उड़ाने में गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी के 7 जालसाज पकड़े गए। अभी चार गुजरात, पांच यूपी और चार महाराष्ट्र के जालसाज की तलाश की जा रही है।
लखनऊ : (मानवी मीडिया) यूं तो जालसाजों ने लाखों की संख्या में लोगों से विभिन्न तरीकों से करोड़ों रुपये हड़पे होंगे लेकिन बीते पांच सालों में उन्होंने तीन बड़े हाथ मारने का साजिश रची। इसमें यूपीडा, कोआपरेटिव बैंक और एकेटीयू से जालसाजों ने कुल 725 करोड़ हड़पने की साजिश रची। 394 करोड़ रुपये ठिकाने भी लगाए लेकिन पुलिस ने लगभग पूरी रिकवर करा दी। इसमें कुल कुल 29 आरोपी गिरफ्तार किए गए लेकिन 15 की तलाश अभी भी की जा रही है। साइबर क्राइम थाने की टीम व एसटीएफ के अनुसार, पहला मामला वर्ष 2020 में सामने आया जब उत्तर प्रदेश राज्य मार्ग प्राधिकरण (यूपीडा) के खाते से जालसाजों ने 125 करोड़ रुपये उड़ा लिये। वहीं, अक्तूबर 2022 में हजरतगंज स्थित कोआपरेटिव बैंक मुख्यालय से 300 करोड़ रुपये उड़ाने की साजिश रची और 149 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिये। लिमिट तय होने के कारण 151 करोड़ जालसाज ट्रांसफर नहीं कर सके। इसके बाद जून 2024 में एकेटीयू के खाते में सेंध लगाते हुए जालसाजों ने 300 करोड़ हड़पने की साजिश रची। इसमें 120 करोड़ रुपये उड़ा भी लिए। इन दोनों ने सचिवालय में तैनात रामराज व गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर रकम उड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये खर्च किए थे। रकम की हेराफेरी के लिए मुंबई के तीन हैकरों की सेवाएं लीं। इस मामले में कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ उड़ाने में गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी के 7 जालसाज पकड़े गए। अभी चार गुजरात, पांच यूपी और चार महाराष्ट्र के जालसाज की तलाश की जा रही है।