नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भारत में शिक्षण और स्किल क्षेत्र से जुड़े बाजार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अनुमान है कि साल 2030 में यह 313 बिलियन डॉलर का हो सकता है। साल 2020 में यह 180 बिलियन डॉलर का था। यह अनुमान कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब यानी सीईएल की तरफ से आया है। इसका कहना है कि शिक्षा और स्किल से जुड़ा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है इसलिए इसमें दोगुने बढ़त की उम्मीद है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में निवेश भी बढ़ेगा। सीईएल का कहना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। इसलिए इस समय विदेशों से भी एक्सपर्ट भारत आ रहे हैं। खुद सीईएल ने भी भारतीय शिक्षा में योगदान करते हुए इस विकास का लाभ उठाने की योजना बनाई है। सीईएल के संस्थापक सुयश भट्ट का कहना है कि सीईएल ने भारत के साथ यूके, फिनलैंड, इंडोनेशिया और एस्टोनिया में कई शिक्षा सम्मेलन आयोजित किए हैं। और अब स्कूल लीडरों, शिक्षकों और छात्रों के लिए कई किफायती शिक्षा कार्यक्रम विकसित करने पर विचार कर रहा है। सीईएल प्रोग्राम ने जम्मू और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक भारत के कई राज्यों के 60 से अधिक स्कूलों और 1,00,000 से अधिक छात्रों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब ने अब रणनीति बदल दी है। कभी बड़े शहरों पर फोकस करने वाली कंपनी ने अब देश के दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों तक पहुंचने की योजना बनाई है। इसके लिए सीईएल ने देश के स्कूलों के साथ समझौते करने शुरू कर दिए हैं। कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब ने अब 9वीं से 12वीं कक्षा के भारतीय छात्रों के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट शुरू किया है, जो खास तौर पर टियर 2 और टियर 3 शहरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को कैम्ब्रिज की एक सप्ताह की एक्सप्लोरेशन ट्रिप के लिए पूरा फंड दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करना है।
नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भारत में शिक्षण और स्किल क्षेत्र से जुड़े बाजार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अनुमान है कि साल 2030 में यह 313 बिलियन डॉलर का हो सकता है। साल 2020 में यह 180 बिलियन डॉलर का था। यह अनुमान कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब यानी सीईएल की तरफ से आया है। इसका कहना है कि शिक्षा और स्किल से जुड़ा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है इसलिए इसमें दोगुने बढ़त की उम्मीद है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में निवेश भी बढ़ेगा। सीईएल का कहना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। इसलिए इस समय विदेशों से भी एक्सपर्ट भारत आ रहे हैं। खुद सीईएल ने भी भारतीय शिक्षा में योगदान करते हुए इस विकास का लाभ उठाने की योजना बनाई है। सीईएल के संस्थापक सुयश भट्ट का कहना है कि सीईएल ने भारत के साथ यूके, फिनलैंड, इंडोनेशिया और एस्टोनिया में कई शिक्षा सम्मेलन आयोजित किए हैं। और अब स्कूल लीडरों, शिक्षकों और छात्रों के लिए कई किफायती शिक्षा कार्यक्रम विकसित करने पर विचार कर रहा है। सीईएल प्रोग्राम ने जम्मू और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक भारत के कई राज्यों के 60 से अधिक स्कूलों और 1,00,000 से अधिक छात्रों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब ने अब रणनीति बदल दी है। कभी बड़े शहरों पर फोकस करने वाली कंपनी ने अब देश के दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों तक पहुंचने की योजना बनाई है। इसके लिए सीईएल ने देश के स्कूलों के साथ समझौते करने शुरू कर दिए हैं। कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब ने अब 9वीं से 12वीं कक्षा के भारतीय छात्रों के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट शुरू किया है, जो खास तौर पर टियर 2 और टियर 3 शहरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को कैम्ब्रिज की एक सप्ताह की एक्सप्लोरेशन ट्रिप के लिए पूरा फंड दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करना है।