उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज दिनांक 21 जून, 2024 को मनाया गया साथ ही 15 दिवसीय पालि एवं सिंहली शिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के माननीय कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविन्द कुशवाहा (बौद्ध) , माननीय सदस्य भंते शील रतन, भंते धम्मानन्द विवेचन, तरुणेश संस्थान के निदेशक डॉ० राकेश सिंह, डॉक्टर धीरेंद्र सिंह, अरुणेश मिश्र, संस्थान के कर्मचारीगण एवं संस्थान के छात्र-छात्राओं सहित अन्य गणमान्य सदस्यों ने योगाभ्यास किया, साथ ही वेन डॉ० जूलम्पिटिये पुण्यासार महास्थविर जी द्वारा विपश्यना ध्यान योग कराया गया। संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविन्द कुशवाहा (बौद्ध) ने बताया कि आज पूरे विश्व को योग से जुड़ने की जरुरत है जिससे हम सभी अपने जीवन में योग को अपनाकर 100 साल तक के जीवन को निरोग रख सकते हैं। भंते शील रतन ने योग के महत्त्व को बताते हुए कहा कि योग का अर्थ है जोड़ना। योग शारीरिक व्यायाम, शारीरिक मुद्रा, ध्यान, सांस लेने की तकनीकों और व्यायाम को जोड़ता है।
तरुणेश ने बताया कि योग से प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है तथा प्रतिदिन के योगाभ्यास से स्वस्थ जीवन जी सकता है। डॉ० धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि यदि आप योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आप तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं। निदेशक संस्थान डॉक्टर राकेश सिंह ने बताया कि प्रतिदिन योग करना हम सब के जीवन में अति आवश्यक एवं लाभकारी है, योगाभ्यास शरीर को स्वस्थ बनाता है, क्योंकि यह हमें रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। आज 21 जून, 2024, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को वैश्विक स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिली है आज पूरा विश्व इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाता है। इसके साथ-साथ 15 दिवसीय पालि एवं सिंहली शिक्षण कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ वेन डॉ० जूलाम्पिटिये पुण्यासार महास्थविर, डॉ० प्रफुल्ल गडपाल, डॉ० कृष्णा नेगी, डॉ० उपानंद हैं। अंत में निदेशक संस्थान ने कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों, विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।