लखनऊ (मानवी मीडिया )मार्च 2023 के आंदोलन के फलस्वरुप की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस किए जाने की मांग पर ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष ने दिया सकारात्मक आश्वासन:संघ के 39वें महाधिवेशन में मुख्य मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में 24x7 गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली आपूर्ति किये जाने व उपभोक्ता सेवा को और बेहतर बनाने हेतु लिया गया संकल्प :
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के 39वें वार्षिक महाधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष डॉ० आशीष कुमार गोयल ने यह कहा कि मार्च 2023 के आंदोलन के फलस्वरुप की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां प्रदेश के ऊर्जा मंत्री जी के साथ चर्चा कर शीघ्र ही वापस ली जाएंगी।
इसके पूर्व अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने अपने प्रतिवेदन के माध्यम से जोरदार ढंग से यह मांग रखी थी कि मार्च 2023 के आंदोलन के फलस्वरुप की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां माननीय ऊर्जा मंत्री जी द्वारा 19 मार्च 2023 को की गई घोषणा के अनुसार वापस ली जाएं ।
महाधिवेशन में बिजली अभियंताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार प्रदेश की जनता को 24घण्टे निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने हेतु संकल्पबद्ध रहने की शपथ खड़े होकर सामूहिक तौर पर ली।
महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने अपने प्रतिवेदन में पूर्व में हुए समझौते के मुख्य बिंदुओं का उल्लेख करते हुए कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था लागू करने, इंजीनियर प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने,प्रोत्साहन के रूप में उत्पादन भत्ता लागू किए जाने, सस्ती बिजली उत्पादन हेतु ओबरा डी व अनपरा-ई समेत अधिक से अधिक परियोजनाएं उत्पादन निगम के पूर्ण स्वामित्व में लगाने व ऊर्जा निगमों में भी प्रदेश के अन्य विभागों की भांति मार्च 2005 तक नियुक्त सभी अभियन्ताओं को पुरानी पेंशन दिए जाने की मांग की।
महाधिवेशन में महासभा द्वारा यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि यदि मार्च 2023 के आंदोलन के दौरान की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं ली जाती है तो महासभा ने उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव को अधिकृत किया है कि उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां समाप्त करने हेतु यथोचित निर्णय लिए जाएं और महासभा इस संबंध में उनके द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का पूर्ण समर्थन करेगी और तदनुसार प्रदेश के समस्त विद्युत अभियंता कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
अध्यक्ष राजीव सिंह ने उच्च प्रबंधन स्तर पर विभागीय अभियंताओं की तैनाती किए जाने एवं सेवा शर्तों में हुए परिवर्तन को वापस लेने के साथ अन्य मुद्दों को उठाया।
महाधिवेशन में उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एस एस निरंजन, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने भी सभा को संबोधित करते हुए अपने अनुभव साझा किए व मार्गदर्शन दिया।
महाधिवेशन के कार्यक्रम का संचालन अभियंता संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभात सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाधिवेशन विशेषांक 2024 का विमोचन भी मुख्य अतिथि महोदय के द्वारा किया गया एवं महाधिवेशन में अभियंताओं द्वारा पूर्व में स्थापित किए गए कीर्तिमान व प्रदेश की जनता को गुणवत्तापूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने व उपभोक्ता सेवा को और बेहतर किये जाने पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
कार्यक्रम में एक शार्ट फ़िल्म के माध्यम से प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के कीर्तिमानों एवं अभियन्ताओं के कार्यों को सराहा गया।
महाधिवेशन में विशेष अतिथि के रूप में विभिन्न श्रम संघों/सेवा संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी डॉ सचिन वैश्य,डॉ अमित सिंह, महेंद्र राय ,पी के दीक्षित,डी के मिश्रा,सरजू त्रिवेदी,सोहैल आबिद,दीपक चक्रवर्ती ,रीना त्रिपाठी आदि मुख्य रूप में उपस्थित रहे।
महाधिवेशन में प्रदेश के कोने कोने से सैकड़ों की संख्या में अभियन्ताओं ने प्रतिभाग किया।