लखनऊ (मानवी मीडिया)आज अच्छे नंबरों से पास होने वाले छात्र/ yongusters में भी 07 Cs या दूसरे शब्दों में कहूं Skills की कमी दिखाई देती है जो उनको आगे बढ़ने से रोक रही है ---
अक्सर बच्चों से interact करता रहता हूं तो उनमें कुछ कमियां भी दिखाई देती है जिसके चलते आजकल मैं बच्चों को और शिक्षकों के बीच बोलना शुरू किया है कि एक लड़का / एक लड़की जो स्कूल जाती है वह 10 साल, 12 साल, 15 साल maximum 20 years आप लोग Educational institute / शिक्षा संस्थाओं में लगाते हैं तो उसके एवज में ये स्कूल, कॉलेज - यूनिवर्सिटी से आपको ए-फोर साइज की एक सर्टिफिकेट मिलता है ... वो चाहे जिस भी प्रोफेशन में आपने पढ़ाई की है, चाहे वो डॉक्टर, एडवोकेट या चार्टर्ड अकाउंट बनाकर । आज की दुनिया में शिक्षा संस्थान सिर्फ एक C (Certificate) पर काम कर रहे हैं ... वो है ए-फोर साइज वाले सर्टिफिकेट देने वाला काम ... लेकिन मेरा शैक्षिणक अनुभव कहता है 75 % से ज्यादा नौजवान बच्चों के पास एक C (Certificate) तो है but they lac 7 Cs. ie Confidence, Courage, Communication skills, Creativity, Consistency, Compassion, Contributor ...
7Cs उनके पास नहीं है ... They lac meny Cs ... निश्चित रूप से बच्चे बहुत कामयाब हो रहे हैं ... उन बच्चों ने 65 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स भी हैं पर कुछ नया करने का जज्बा नहीं दिखता .. सभी भेड़ चाल पर हैं .. वो पी.एम.टी. की तैयारी कर रहा है मैं भी करूंगा, वो इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है तो मैं भी... कब तक आप जिंदगी में कॉपी करेंगे, किसी को कॉपी करना अच्छी चीज है ... पर आप भी कुछ कर सकते हैं अपनी जिंदगी में ... आप भी create कर सकते हैं wonders .... One day you can do wonders in your life... हमारे अंदर कुछ बड़ा करने का जज्बा होना चाहिए। वो तभी होगा जब आप निम्न Cs पर ध्यान देंगे :
▪️जिसमें पहला C (Confidence / यकीन) आज बच्चों में इतने अच्छे मार्क्स के बावजूद उनमें कॉन्फिडेंस की बहुत कमी है । हममें कॉन्फिडेंस ही नहीं है कि हम बड़ा काम कर सकते हैं ... negative thoughts बहुत आने लग जाते हैं कि ... हमारे पास साधन ही नहीं है .... हम गरीब घराने में पैदा हुए हैं, मेरे पास रिसोर्सेज़ ही नहीं है, मुझे अच्छी अंग्रेजी नहीं आती, मुझे बहुत सारे लोग criticized करते हैं ।
बच्चों आप अपने अंदर एहसास करें और पाएंगे कि मैं बहुतों से बहुत अच्छा हूं, आप अपने आप पर confidence करें कि आप होनहार हैं और आप ने अच्छे नंबरों से शिक्षा हासिल की है इस पर गर्व होना चाहिए। आप uique हैं इसका आप में भरोसा होना चाहिए आप एक best individual हैं इसका आपको यकीन होना चाहिए। ईश्वर पर आपको विश्वास है और गुरु / शिक्षक के बताए पदचिन्हों पर आप चलते भी हैं । यदि आप इस चीज को समझ जाएंगे तो निश्चित रूप से आपमे morol की कमी नहीं होगी और आप बहुत अच्छा कर पाएंगे।
▪️दूसरा C (Courage / हिम्मत) जो हममें नहीं है हम अंदर से बहुत डरते हैं अगर मैं हार जाऊं तो क्या होगा, अगर मुझे नहीं मिला है तो क्या होगा, अगर मैं Compete करूं और असफल हो जाऊं तो कैसा होगा ।
बच्चों, हम लोग सिर्फ जीतने नहीं आए हैं... हमें मेहनत करना है ... और हमें अपना संपूर्ण work ethics देना है ये सोचकर कि नतीजा ईश्वर के हाथ में है ... एक ना एक दिन जरूर कामयाबी मिलेगी । हमारे पास में courage की कमी है लेकिन कुछ बड़ा करने के लिए courage हमारे पास में होना चाहिए ।
एक बार एक motivational प्रोग्राम में मैंने यूं ही पूछ लिया ... क्या आपको इंडिया की करेंसी पता है कोई बताए ... any confident individual stand up 200 से ज्यादा छात्र-छात्राओं में केवल एक बच्ची खड़ी हुई जवाब दिया ... रुपया है। बहुत आसान answer होता है लेकिन आपके पास confidence की कमी है जवाब है सबके पास में लेकिन Courage नहीं है... मैं यही तो कह रहा था ऐसा नहीं कि बच्चे नहीं जानते हैं ये जानते हैं लेकिन डरते हैं । बच्चों अगर कुछ गलत हो जाए तो बेटा देखना तुम कोई गुनाह नहीं कर रहे हो अगर आप इसको डालर बोलते तो इसे गलती कहते हैं wrong answer दिया है आपने तो मैं गलती भी नहीं बोलूंगा बल्कि Good try बोलूंगा कम से कम आपने ट्राई तो किया है। हमें answer देने की आदत डालनी चाहिए वह सही हो या गलत हो अगर आपने गलत answer दिया है तो जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट हो जाएगा क्योंकि अगर आप गलत उत्तर दे रहे हैं तो आपका कोई टीचर उसे सही करेगा ... तो याद रखना फिर प्रैक्टिस की भी जरूरत नहीं रहेगी ... जिंदगी भर के लिए याद हो जाएगा आपको । मानो कि अगर वह लड़की खड़े होकर अगर बोलती डॉलर तो हो सकता है वह थोड़ी देर के लिए शर्मिंदा जरूर होती और जब मैं correct करता कि बेटा डॉलर नहीं, इंडिया की करेंसी है रुपया... तो इसको फिर याद करने की भी जरूरत नहीं होती। हमारे पास 2 मेमोरी होती हैं एक temporary memory और दुसरी permanent memory तो यह उत्तर permanent मेमोरी में चला जाता और सदा याद रहता । मैंने अभी प्रूफ किया कि आप लोगों के पास confidence की कमी है, courage की कमी है, मैं तो चाहता था कि जब मैंने सवाल किया तो सारे बच्चे एक साथ जवाब देते कि ... रुपया ।
▪️तीसरा C (Communication skills / बता पाने या समझा पाने का कौशल) ... आप किसी भी कॉलेजों या यूनिवर्सिटीज में जाएं बामुश्किल फाइव परसेंट बच्चे ही कम्युनिकेट कर सकते हैं ... मैं बहुत से शैक्षणिक संस्थानो में गया हूं और... I can say with firm assurance the 75 percent of Graduate, Post - graduate the educated youngsters they are unable to interact they are unable to communicate despite they are have certificate then... They are unable to negotiate with HR they are unable to convince the HR... HR को वो लोग convince ही नहीं कर सकते कि उन्होंने पढ़ाई के 12 साल, 15 साल या 20 सालों में आपने क्या सीखा है उसे आप 2 मिनट में नहीं बता पाते।
20 साल इंग्लिश मीडियम से पढ़ने के बाद भी हम बात करने से डरते हैं ... आप ही नहीं बहुत सारे इंग्लिश मीडियम के देशों के बारे में भी बात कर रहा हूं इंग्लिश मीडियम के बच्चे they are unable to communicate in English.. इंग्लिश क्यों जरूरी है क्योंकि यह International language है । जब कि अपने देश में अनेकों लैंग्वेज है मै उत्तर प्रदेश से आता हूं वहां पर हिंदी बोली जाती है और मेरे जो नेबरिंग स्टेट्स है वहां पर पंजाबी बोली जाती है, तमिलनाडु में तमिल बोली जाती है, कर्नाटका में कन्नड़ बोली जाती है और गुजरात में गुजराती बोली जाती है लेकिन ये सब लिमिटेड है वहीं इंग्लिश ऐसी language है जिसको पूरी दुनिया में recognition मिला है । इसको recognition मिला है कि यह इंटरनेशनल लैंग्वेज है, कॉर्पाेरेट लैंग्वेज, साइंटिफिक लैंग्वेज, ग्लोबल लैंग्वेज, इतने सारे जब टाइटल्स मिले हैं । इसके बावजूद भी आज हमारे यंगस्टर्स इस चीज को समझ नहीं पा रहे हैं कि इसकी कितनी अहमियत है। यदि अब भी आप नहीं चेते तो फिर एफोर साइज वाली सर्टिफिकेट से आपका कोई ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है।कम्युनिकेशन स्किल्स पर हम लोग काम करें स्पेशली इंग्लिश लैंग्वेज को लेकर । आप खुद देखें यदि कोई व्यक्ति बहुत अच्छी हिंदी बोलता है तो उसको दुनिया तो कवि समझती है, कोई उर्दू ज़ुबान में बात कर रहा है तो उसको recognition मिलता है कि बंदा शायर है लेकिन अगर कोई व्यक्ति बहुत अच्छी इंग्लिश में बात कर रहा है तो उसको आज का जमाना poet नहीं बोलेगा ... उसको बोलेगा कि यह शायद कोई कंपनी का मैनेजर या CEO लग रहा है ... यह पढ़ा लिखा लग रहा है जरूरी नहीं कि वह पढ़ा लिखा हो, लेकिन इंग्लिश language जो भी बोलता है तो पहला खयाल आता है कि यह व्यक्ति बड़ा hi fi होगा ...
अगर इंग्लिश में command नहीं होगा तो आप world से interact भी नहीं कर सकते हैं । वह दौर चला गया जब दुनिया बड़ी थी । अब दुनिया बहुत सिमट गई है ... बहुत छोटी दुनिया बन गई है आज हर चीज पॉसिबल है l इंट्रैक्शन का जमाना है, कम्यूनिकेशन का जमाना है ।
▪️चौथा C (creativity /सर्जनशीलता) आज का जमाना creativity और presentation का जमाना है । आपमें जितनी ज्यादा creativity होगी तो दुनिया में उतना ही आपका डिमांड होगा । टीवी में ऐड होता है वो भी 25 सेकंडस का और ऐड बनाने वाले उसका लाखों - करोड़ों में कीमत लेते हैं ... वो आईडिया के पैसे लेते हैं ... चलिए एक सवाल पूछता हूं ... वर्ल्ड की करेंसी क्या है ? what is a courency of world ? इसका जवाब है Idea ... जिसके पास आईडिया है उसको दुनिया सलाम करती है, उसको embrace करती है, उसका welcome करती है, उसको wish करती है, उसको apriciate करती है । आज हमारे पास idea's की कमी है हमें देने का कोई आईडिया नहीं है । आप में creativity होनी चाहिए तभी आप भी कुछ कर सकते हैं अपने जिंदगी में ... You can do wonders in your life ...
▪️ पांचवा C (compassion / हमदर्दी) की कमी इंसानों में है, हमदर्दी हमारे पास बिल्कुल भी नहीं है, हम लोग एक दूसरे को मदद नहीं करना चाहते हैं । ध्यान रखना अपने घर की हिफाजत सब करते हैं लेकिन दूसरों के घर का खयाल भी करना ... इसी को compassion कहते हैं इसी को हमदर्दी कहते हैं । इसकी आज हममें कमी है। यह सिर्फ टीचर्स, मैनेजमेंट में ही नहीं बच्चों में भी compassion होना चाहिए । आज बहुत सारे students में learning disabilities की कमी है फिर क्या उन्हें छोड़ देना चाहिए ? मेरा मानना है आज जो अच्छे बच्चे यहां पर हैं वो जाएं उनके साथ बैठे ये न सोचें कि वह कमजोर है ... हम studious हैं । आपको चाहिए कि आप उनके साथ बैठकर discuss करें, उनकी मदद करें तो फिर देखना वह भी कामयाबी की तरफ खिंचे चले आएंगे और perform करने लगेंगे और दूसरी तरफ अपने उन्हें पढ़ाने में जो energ लगाई है वो आपको भी फलीभूत होकर कंठस्थ हो जाएगी और कभी जीवन में भूलेगी भी नहीं।
▪️छंठा C (consistency) जिसे हिंदी में स्थिरता कहते हैं ।
हम जो भी कार्य करें एक उद्देश्य और consistency के साथ करना चाहिए हमेशा दिमाग में रहना चाहिए कि इसे पूरा करके ही हटना है... exam को crack करना है। बहुत से बच्चे 2-3 attempt के बाद निराश होकर बीच में छोड़ कर कुछ और करने लग जाते हैं यदि consistency नहीं होगी तो कभी भी सफलता हासिल नहीं होगी । वहीं कुछ बच्चे दीवानगी की हद तक मेहनत करते हैं वो चार्टर्ड अकाउंटेंट बनते हैं वह आई.ए.एस. बनते हैं, डॉक्टर बनते हैं क्यों कि वो पूर्ण समर्पण के साथ मेहनत करते हैं और रोजाना मेहनत करते हैं ।
एक बार मेरे एक मित्र डॉ. प्रभाकांत अवस्थी जो उत्तर प्रदेश सरकार में पी.सी.एस. अधिकारी थे वह घर आए तो बच्चों से बात करते हुए उन्होंने कहा अगर आपको वाकई बड़ा काम करना है तो आपको आई.ए.एस. बनना चाहिए और बच्चे से बात करने लगे तो बेटे ने सवाल किया कि सर आप UPSC exam के लिए कितने घंटे पढ़ाई करते थे ... तो अवस्थी जी ने बताया कि मैंने कभी पढ़ते वक्त घंटों को नहीं गिना ... तो बेटे ने फिर सवाल किया कि सर, any rough number ... कुछ भी नंबर दे दीजिए ... 10 घंटा, 12 घंटा या 16 घंटा ... तो उन्होंने बड़ा ही लॉजिकली आंसर दिया कि मैंने कभी टाइम को काउंट नहीं किया कि पांच घंटे ... 10 घंटे ... 15 घंटे की मेहनत ... उन्होंने कहा कि मैं जब UPSC के exam की तैयारी कर रहा था तो मुझे 5 चीज़ें अच्छी तरह याद है पहली मैं सुबह- शाम मंदिर जाकर प्रभु चरणों में शीश जरूर झुकाता था, दूसरी मुझे जब भी भूख लगती थी में खाना खाता था, जब भी मैं थक जाता तो आराम कर लेता था, घर में जब किसी चीज की जरूरत होती है और मां मुझे कहती के बेटा वह चीज लाना है तो मैं बाहर जाता वह चीज ले आता और मुझे टॉयलेट जाने की कभी जरूरत होती तो मैं टॉयलेट जाता ... इन पांच चीजों के अलावा अगर कोई चीज मुझे याद है तो मैं UPSC के preparation में मशगूल रहता था । यदि इस consistency के साथ में आप कुछ भी करें वो आपको हासिल हो जाएगा । यकीन जाने आप भारत के प्राइम मिनिस्टर भी बनना चाहते हैं तो आप बन सकते हैं । आज बच्चों को मेहनत की जरूरत है ... consistency की जरूरत है ।
▪️ सातवां C (contributors / योगदानकर्ता) की बात कर रहा हूं । हमें देश और समाज के लिए भी कुछ योगदान करना चाहिए ... हमने 10 साल, 20 साल, 25 साल स्कूल, कॉलेजेस और यूनिवर्सिटीज से सिर्फ लिया ही लिया है ... हम देंगे क्या दुनिया को ? हमारे पास कोई आईडिया नहीं है ... फॉर्मूला तो बहुत दूर की बात है... पहले idea आ जावे ... उसके बाद तो फॉर्मूला भी बनेगा या फिर उस पर काम करने लगेंगे । हो सकता है आप कई बार असफल हों जाएं हो पर कामयाबी भी जरूर मिलेगी ।
अगर आपने मेरे बताए Cs पर command कर लिया तो आप निश्चित रूप से contributors बनेंगे ... आप लीडर्स बनेंगे ... आप लोग एक घर चलाने वाले नहीं, हजारों को रोजगार देने वाले बनेंगे ... वरना आप एक घर चलाने वाले तो जरूर बन जाएंगे क्योंकि आपके पास अच्छे मार्क्स वाला certificate है, थोड़ा बहुत negotiate करके आपको जॉब तो मिल ही जाएगी ... पर मेरा मानना है हम जॉब के लिए पैदा नहीं हुए, हम Contribute करने के लिए पैदा हुए हैं ... हम लोग दुनिया को देने के लिए पैदा हुए हैं ... हम लोग सिर्फ लेने के लिए नहीं आए हैं । हमने क्या दिया है दुनिया को ? आपने क्या दिया है दुनिया को ? .... आप इस पर विचार करना ...
👉🏽 इसे अपने बच्चों को और व्हाट्सएप ग्रुपों में भेजें हो सके कोई बच्चा संभल जाए ...
🔜 ये संबोधन मेरे द्वारा 10 मई 2024 को Krishna coaching में दिया गया था।
👏🏻 *प्रो. (डॉ.) आर. के. सिंह* - हॉर्टिकल्चर विभाग, सी. सी. आर. (पी.जी.) कालेज; मुज़फ्फरनगर (उ.प्र.) भारत
*पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष,* भारत विकास परिषद हस्तिनापुर विकास रत्न प्रांत; NCR -1 (आर.एस.एस. का अनुषांगिक संगठन) ...
*President,* हिंद एग्री हॉर्टिकल्चरल सोसायटी
*संपादक,* ▪️ *राष्ट्रीय कृषि*
▪️ *Rashtriya Krishi*
*कार्यकारिणी सदस्य,* मीडिया सेंटर, मुजफ्फरनगर
*अधिष्ठाता:* क्षत्रिय धर्मसंसद
*पूर्व जिला संवादाता,* जनसत्ता एक्सप्रेस
*ग्रुप एडमिन,* Kshatriya Matrimonial (निः शुल्क सेवा क्षत्रिय / राजपूत/ ठाकुर समाज के लिए)
📱9412113662
e mail : hahs1624@gmail.com