लोकसभा चुनाव के दौरान IT डिपार्टमेंट ने जब्त किये 1100 करोड़ रुपये - मानवी मीडिया

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Friday, May 31, 2024

लोकसभा चुनाव के दौरान IT डिपार्टमेंट ने जब्त किये 1100 करोड़ रुपये


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मानवी मीडिया) : 
इनकम टैक्ट डिपार्टमेंट ने लोकसभा चुनाव के दौरान 1100 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए, जो कि अपने आप एक बड़ी रिकॉर्ड है. एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आयकर विभाग ने ये नकदी और ज्वैलरी मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान 30 मई 2024 तक जब्त किए. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा 16 मार्च को की थी. इसी दिन से आदर्श आचार संहिता लागू की गई थी. तब से आयकर विभाग बेहिसाब नकदी और कीमती सामान की निगरानी भी कर रहा है, और जब्त भी कर रहा है. आईटी के मुताबिक चुनाव के दौरान बड़ी रकम और ज्यादा तादाद में ज्वैलरी संभावित रूप से मतदाताओं को प्रभावित करने का एक जरिया माना जाता है.

प्रत्येक राज्य ने नकदी की अवैध आवाजाही की जांच करने के लिए 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए थे, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का उपयोग राजनेताओं द्वारा चुनावों में किया जा सकता है.एमसीसी सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर लागू की जाती है, जिसका उद्देश्य अनैतिक प्रथाओं को रोकना है.

कितना कैश रखने या ले जाने की इजाजत है

नियम के मुताबिक 50,000 रुपये से अधिक नकदी या 10,000 रुपये से अधिक मूल्य की नई वस्तुएं बिना किसी सहायक दस्तावेज़ के ले जाते हुए पाए जाएंगे, उन वस्तुओं को जब्त कर लिया जाएगा. यदि व्यक्ति यह साबित करने वाले वैध दस्तावेज़ प्रदान करता है कि आइटम चुनाव से असंबंधित हैं, तो उन्हें वापस कर दिया जाएगा. यदि जब्त की गई नकदी 10 लाख रुपये से अधिक है तो इसे आगे की जांच के लिए आयकर विभाग को भेज दिया जाएगा.

किस राज्य से कितने की जब्ती

  • सूत्रों के अनुसार, सबसे अधिक जब्ती जिन जगहों से की गई, उनमें दिल्ली और कर्नाटक टॉप पर हैं. प्रत्येक राज्य में 200 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आभूषण जब्त किए गए.
  • दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है. यहां से 150 करोड़ रुपये की जब्ती हुई.
  • आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में सामूहिक रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आभूषण जब्त किए गए.

16 मार्च से देश भर में एजेंसियां हाई अलर्ट पर

भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की ओर से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की घोषणा के बाद से ही एमसीसी को 16 मार्च से देश भर में लागू किया गया है. दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया था. जिसमें नकदी, शराब, मुफ्त वस्तुएं, ड्रग्स, आभूषण और अन्य वस्तुएं जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं, उनपर निगरानी की जा रही थी.

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