श्रीनगर : (मानवी मीडिया) महबूबा पर मतदान के दिन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला दर्ज श्रीनगर, 29 मई (वार्ता) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर मतदान के दिन आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अनंतनाग राजौरी सीट के लिए पीडीपी की उम्मीदवार मुफ्ती ने 25 मई को अनंतनाग जिले के एक थाने के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव की पूर्व संध्या पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंटों को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने को ‘सत्ता के सामने सच बोलने की पीडीपी द्वारा चुकायी गयी कीमत’ बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,“यह देखना दिलचस्प है कि मेरे खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गयी है। सत्ता के सामने सच बोलने की पीडीपी ने यह कीमत चुकायी है। हमारा विरोध स्थानीय प्रशासन के साथ मिलीभगत करके मतदान से पहले पीडीपी के सैकड़ों पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के खिलाफ था। फिर भी संतुष्ट न होने पर, उसी प्रशासन ने हमारे मतदाताओं को आतंकित करने और उन्हें वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने से रोकने के लिए पारंपरिक पीडीपी के गढ़ वाले क्षेत्रों में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया।” मुफ्ती ने कहा, “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।” गौरतलब है कि यह प्राथमिकी मुफ्ती के आचार संहिता उल्लंघन पर सहायक निर्वाचन अधिकारी श्रीगुफवारा बिजबेहरा की ओर से दर्ज की गयी शिकायत पर आधारित है। शिकायत में कहा गया है कि 25 मई को मुफ्ती के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पीडीपी कार्यकर्ता बिजबेहरा शहर में एकत्र हुए और पीडीपी कार्यकर्ताओं को रिहा करने के लिए नारे लगाये, जो आचार संहिता का घोर उल्लंघन था।
श्रीनगर : (मानवी मीडिया) महबूबा पर मतदान के दिन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला दर्ज श्रीनगर, 29 मई (वार्ता) जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर मतदान के दिन आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अनंतनाग राजौरी सीट के लिए पीडीपी की उम्मीदवार मुफ्ती ने 25 मई को अनंतनाग जिले के एक थाने के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव की पूर्व संध्या पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंटों को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने को ‘सत्ता के सामने सच बोलने की पीडीपी द्वारा चुकायी गयी कीमत’ बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,“यह देखना दिलचस्प है कि मेरे खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गयी है। सत्ता के सामने सच बोलने की पीडीपी ने यह कीमत चुकायी है। हमारा विरोध स्थानीय प्रशासन के साथ मिलीभगत करके मतदान से पहले पीडीपी के सैकड़ों पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के खिलाफ था। फिर भी संतुष्ट न होने पर, उसी प्रशासन ने हमारे मतदाताओं को आतंकित करने और उन्हें वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने से रोकने के लिए पारंपरिक पीडीपी के गढ़ वाले क्षेत्रों में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया।” मुफ्ती ने कहा, “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।” गौरतलब है कि यह प्राथमिकी मुफ्ती के आचार संहिता उल्लंघन पर सहायक निर्वाचन अधिकारी श्रीगुफवारा बिजबेहरा की ओर से दर्ज की गयी शिकायत पर आधारित है। शिकायत में कहा गया है कि 25 मई को मुफ्ती के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पीडीपी कार्यकर्ता बिजबेहरा शहर में एकत्र हुए और पीडीपी कार्यकर्ताओं को रिहा करने के लिए नारे लगाये, जो आचार संहिता का घोर उल्लंघन था।