लखनऊ (मानवी मीडिया)देश में लोकसभा चुनाव का महापर्व चल रहा है। चुनाव के माध्यम से हम सभी को अपनी इच्छा के अनुसार सरकार चुनने का मौका मिलता है। लोकतंत्र की परिभाषा ही है "ए गवर्नमेंट बाय द पीपल और फॉर द पीपल"। हम सभी को एक ऐसी सरकार चुनना है, जो 5 सालों तक देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जा सके, बेरोजगारी की समस्या दूर करें, नौकरियां सृजित कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित कर सके,देश के किसान, कामगार की समस्याओं पर ध्यान दे, कर्मचारियों की समस्याओं को प्राथमिकता दे। ऐसी सरकार चुनने के लिए अधिक से अधिक मतदान का होना जरूरी है। धर्म और जाति की भावना से ऊपर उठकर हम सभी को एक विकसित भारत की तस्वीर को ध्यान में रखते हुए ऐसी सरकार के लिए वोट करना है, जो युवाओं को रोजगार प्रदान कर सके, कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करे, किसानों की कठिनाइयों में उनका साथ दे, व्यापारी वर्ग लिए व्यवसाय के साथ-साथ देश की उन्नति में सहयोग के रास्ते खोल सके, समाज में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करा सके, चुनाव के दौरान जो वादे जनता से करे, उन वादों को पूरा करने क रोड मैप भी उसके पास हो। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद रचनात्मक कार्यों पर भरोसा करती है एवं संगठन में भी सहयोग के रवैया के साथ काम करती है। विगत कुछ वर्षों में कर्मचारियों की बहुत सी समस्याओं का समाधान हमने कराया है। चुनाव आचार संहिता के दौरान भी कर्मचारियों की उचित समस्याओं के समाधान लगातार हो रहे हैं । चुनाव के दौरान पदोन्नति पर तैनाती के प्रकरण को लेकर चुनाव आयोग ने कुछ मार्गदर्शन जारी किए थे, जिसके कारण कुछ विभागों में पदोन्नति में कठिनाई हो रही थी। कार्मिक विभाग ने उसका मार्ग भी प्रशस्त कर दिया है।
प्रदेश के सभी कर्मचारियों से अपील है कि अधिक से अधिक मतदान करें और जनता को मतदान के लिए प्रेरित करें। जिस प्रकार चार चरणों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मतदाता जागरण अभियान के माध्यम से मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया गया है इसी प्रकार अगले तीन चरणों में भी प्रयास जारी रखें। आने वाले समय में चुनाव के तीन चरण महत्वपूर्ण है। सभी कर्मचारी चुनाव मे अपनी निष्पक्ष भूमिका सुनिश्चित करें एवं अपने-अपने जनपद में शत प्रतिशत मतदान का शपथ लेते हुए अधिक से अधिक मतदान कराने का संकल्प लें। चुनाव के बाद कर्मचारियों की समस्याओं पर मुख्य सचिव से मुलाकात कर उनका समाधान कराया जाएगा।