लखनऊ (मानवी मीडिया)यह तस्वीर 2013,अगस्त की है जब मुलायम सिंह अशोक सिंघल एवं अखिलेश की मुलाक़ात हुई थी अशोक सिंघल के जाते ही मुलायम ने ब्यान दिया हम परिक्रमा नहीं होने देंगे,दुसरे दिन विश्व हिन्दू परिषद सहित तमाम हिन्दू संघठनों के बयान आना शुरू हो गए कि हम परिक्रमा ज़रूर करेंगें अब एक बात हम उन तमाम अमन पसंद नागरिकों विशेष तौर से मुस्लिमों से पूछना चाहते हैँ 2007 से लेकर 2012 तक बसपा सरकार एवं 2012 से 2013 तक सपा यानी खुद इनकी एक साल सरकार में कब परिक्रमा नहीं हुई या कब जलाभिषेक नहीं हुआ फ़िर इस तरह के बयान का क्या मतलब ? मैंने उसी समय लिखा था मुलायम ने 1990 वाली भाषा बोलना शुरू करदी है अब प्रदेश को दंगों की आग से कोई नहीं बचा सकता हुआ भी ऐसा ही,मात्र 10-दिन बाद ही भयानक दंगे शुरू हुए जो कई महीने तक चले मुज़फ्फर,शामली, बागपत,कैराना,जिस में सैकड़ों बे क़ुसूरों की जानें गई लोग कैम्पों में रहने को मजबूर हुए कैम्पों में रह रहे 400, मासूमों की जानें गई जबकि सरकारी आकड़ों में 62,बच्चे दिखाए गए,एक तरफ दंगे हो रहे हैँ दुसरी तरफ़ सैफई में नाच गाना हो रहा था क्योंकि उस समय सैफई महोत्सव चल रहा था जबकि मुजफ्फरनगर सहित पांच ज़िले साम्प्रदायिकता की आग में जल रहे थे जब यह खबर NDTV ने दिखाई तो फ़ौरन राम गोपाल का बे शर्मी भरा स्टेटमेंट आया कि कैम्पों में भी तो ढोलक ताशे बज रहे हैँ अब मेरा सवाल उन तमाम अमन पसंद नागरिकों एवं सपा समर्थित मुस्लिमों से है कि आप आज तक 2002 में हुआ गुजरात दंगा याद रखे हैँ और 2013 अपने प्रदेश का भयानक दंगा भूल गए क्या यही इंसाफ है,आपकी नज़रों में अगर यही इंसाफ है तो फ़िर आपको कभी इंसाफ मिल ही नहीं सकता क्योंकि आप हक़ बोलना तो छोड़िए आप हक़ सुनना भी पसंद नहीं करते, अब आइये भाजपा पर आप बताइये 2014 से खुल कर यादव वोट भाजपा में जा रहा हैँ दलित वोट भाजपा में जारहा मगर आप हैँ कि भाजपा से दुश्मनी की गाँठ बांधे हैँ जबकि आप यह बात भो अच्छी तरह जानते और कहते भी हैँ कि भाजपा हिन्दू वोट पाने के लिए हिदुत्व कार्ड खेलती है 100% सत्य है मगर इसको कामयाब आप करते हैँ वोट देते नहीं गाली सड़क पर देते हैँ जिससे उनका मिशन कामयाब हो जाता है और जिनके लिए आप गाली खाते हैँ जिनको वोट देते हैँ वो आपकी तरफ देखना भी सिवाये चुनाव के पसंद नहीं करते क्योंकि वो जानते हैँ और कहते भी हैँ *"ई सारे जइइये कहाँ"* *भाजपा में तो जाइइयें ना हीं* यही वजह है जो आपका शोषण होता आया है और आज भी हो रहा है और यही हाल रहा तो आगे भी होता रहेगा।
*यह दर्द हमारा अपना है*
*यह दर्द मताये आम नहीं*
*इस दर्द की कोई शक्ल नहीं*
*इस दर्द का कोई नाम नहीं,,*