लखनऊ (मानवी मीडिया)आज राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यालय में किसानों के प्रेरणा स्त्रोत एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रद्धेय चौधरी अजित सिंह की तृतीय पुण्यतिथि “सदभावना दिवस” के रूप में मनाई गयी। इस अवसर पर रालोद नेताओं और पदाधिकारियों ने चौधरी साहब के चित्र पर मार्ल्यापण कर अपने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। तत्पश्चात एक विचार गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे की अध्यक्षता में किया गया तथा संचालन व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने चौधरी साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि “लगा सका न उसके कद का कोई अंदाजा, वह आसमां था लेकिन सर झुकाकर चलता था”। उन्होंने कहा कि चौधरी साहब जीवन भर, किसानों, कामगारों, मजदूरों, गरीबों और शोषित समाज के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष ही करते रहे। उन्होंने किसानों के लिए उल्लेखनीय कार्य किये, उन्होंने चीनी मिलों की दूरी 40 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर करने, प्रदेश में नई चीनी मिलों की स्थापना तथा कृषि पर आयकर लगाने का पूर्ण विरोध किया था, उन्होंने किसानों की बदहाली को समझने के लिए मेरठ से लखनऊ तक पैदल यात्रा की। आज हम सब उनके विचारों को अपनाते हुए उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लें यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुय राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने कहा कि राजनीति में उनके जैसा व्यक्तित्व बहुत ही कम देखने को मिलता है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन किसानों के हितों के लिए समर्पित कर दिया जिससे आज भी वह किसानों के दिलों में जिंदा है। उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हम सबको आगे बढना है।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुय प्रदेष उपाध्यक्ष वसीम हैदर ने कहा कि आज भी हम सभी को उनकी कमी खलती है क्योंकि एक लम्बे समय तक हम लोगों ने उनके साथ काम किया।
गोष्ठी में प्रदेश महासचिव रजनीकांत मिश्रा एवं संतोष यादव, मनोज सिंह चौहान, अम्बुज पटेल, रमावती तिवारी, प्रीति श्रीवास्तव, के0जी0 वर्मा, वरिष्ठ नेता किरन सिंह, प्रदेश सचिव प्रमोद शुक्ला, मयंक त्रिवेदी, अफसर अली, रामगोपाल चंदेल, जिलाध्यक्ष रामसेवक रावत, महिला प्रदेश महासचिव शालिनी सिंह, महेश पाल धनगर, छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष अमन पाण्डेय, परिणीता सिंह, रमेश कश्यप, रुचि शर्मा, तनवीर फातिमा, आयशा, आमिर साबरी, ऋषभ गुप्ता, हरेराम चैबे, मुकेश कुमार वर्मा, अजय पाण्डेय आदि लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।