(मानवी मीडिया) : लोकसभा चुनाव में अजब-गजब नजारे देखने को मिल रहे हैं। बस्ती लोकसभा क्षेत्र में भी इस तरह का नजारा दिखा, जिसमें एक प्रत्याशी भैंसे पर सवार होकर नामांकन को निकला। हालांकि उसके साथ एक हादसा हो गया। प्रत्याशी आगे-आगे भैंसे पर सवार होकर चल रहा था, पीछे से प्रत्याशी के प्रस्तावक ही गायब हो गए। प्रस्तावक नहीं होने के कारण प्रत्याशी नामांकन नहीं कर पाए। जिले के गौर विकास खंड के गोभिया पोस्ट एनपुर निवासी अब्दुल जब्बार पुत्र मो. इसहाक ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का मन बनाया। उन्होंने जिला निर्वाचन कार्यालय से नामांकन पत्र भी खरीदा। नामांकन पत्र को भरने के साथ-साथ अपना शपथ-पत्र भी बनवा लिया। निर्दल उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने अपने 10 प्रस्तावकों का नाम भी भरा। उनके वोटर आईडी के साथ-साथ पहचान-पत्र व पता भर लिया। इतना सब करने के बाद नामांकन के अंतिम दिन छह मई को नामांकन करने के लिए अब्दुल जब्बार निकले। नामांकन के लिए निकले अब्दुल जब्बार सवारी के लिए भैंसे को चुनाव और उस पर सवार हो निकल गए। भैंसे को लेकर एक समर्थक आगे बढ़ने लगा तो अन्य समर्थक नारे लगाते रहे। जिंदाबाद के नारों के बीच निकले जब्बार उस समय हैरान रहे गए,जब गाड़ी पर चढ़ने के समय उनके प्रस्तावक पीछे से भाग गए। फोन करने लगे तो फोन नहीं उठा। काफी प्रयास के बाद भी उनके प्रस्तावक नहीं मिले तो वह मायूस रहे गए और नामांकन नहीं कर पाए। अलबत्ता अब्दुल जब्बार पर्चा जांच के समय आरओ कक्ष में पहुंचे और एक सहायक रिटर्निंग आफिसर से यह पूछा कि उनके नामांकन-पत्र का धन कैसे वापस हो सकता है।
(मानवी मीडिया) : लोकसभा चुनाव में अजब-गजब नजारे देखने को मिल रहे हैं। बस्ती लोकसभा क्षेत्र में भी इस तरह का नजारा दिखा, जिसमें एक प्रत्याशी भैंसे पर सवार होकर नामांकन को निकला। हालांकि उसके साथ एक हादसा हो गया। प्रत्याशी आगे-आगे भैंसे पर सवार होकर चल रहा था, पीछे से प्रत्याशी के प्रस्तावक ही गायब हो गए। प्रस्तावक नहीं होने के कारण प्रत्याशी नामांकन नहीं कर पाए। जिले के गौर विकास खंड के गोभिया पोस्ट एनपुर निवासी अब्दुल जब्बार पुत्र मो. इसहाक ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का मन बनाया। उन्होंने जिला निर्वाचन कार्यालय से नामांकन पत्र भी खरीदा। नामांकन पत्र को भरने के साथ-साथ अपना शपथ-पत्र भी बनवा लिया। निर्दल उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने अपने 10 प्रस्तावकों का नाम भी भरा। उनके वोटर आईडी के साथ-साथ पहचान-पत्र व पता भर लिया। इतना सब करने के बाद नामांकन के अंतिम दिन छह मई को नामांकन करने के लिए अब्दुल जब्बार निकले। नामांकन के लिए निकले अब्दुल जब्बार सवारी के लिए भैंसे को चुनाव और उस पर सवार हो निकल गए। भैंसे को लेकर एक समर्थक आगे बढ़ने लगा तो अन्य समर्थक नारे लगाते रहे। जिंदाबाद के नारों के बीच निकले जब्बार उस समय हैरान रहे गए,जब गाड़ी पर चढ़ने के समय उनके प्रस्तावक पीछे से भाग गए। फोन करने लगे तो फोन नहीं उठा। काफी प्रयास के बाद भी उनके प्रस्तावक नहीं मिले तो वह मायूस रहे गए और नामांकन नहीं कर पाए। अलबत्ता अब्दुल जब्बार पर्चा जांच के समय आरओ कक्ष में पहुंचे और एक सहायक रिटर्निंग आफिसर से यह पूछा कि उनके नामांकन-पत्र का धन कैसे वापस हो सकता है।