नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भारत में नवनियुक्त चीनी राजदूत जू फेइहोंग आज पदभार ग्रहण करने के लिए नई दिल्ली पहुंच गए हैं। भारत में चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर यह सूचना दी। भारत में चीनी दूतावास द्वारा जारी बयान के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल प्रभाग के अधिकारियों, डिप्लोमैटिक कोर के डीन, भारत में इरिटिया के राजदूत एलेम त्सेहाय वोल्डेमारियम और मंत्री मा जिया, मंत्री वांग लेई, चीनी दूतावास के मंत्री काउंसलर चेन जियानजुन ने जू फेइहोंग और उनकी पत्नी तान युक्सियू का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। सन वेइदॉन्ग ने ऐसे समय में दिल्ली छोड़ी जब भारत और चीन 2020 में लद्दाख सीमा संघर्ष के बाद कई चैनलों के माध्यम से संबंधों को मैनेज करने की कोशिश कर रहे थे, जो दोनों पक्षों के बीच प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अप्रैल 2020 से भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति पर कई दौर की राजनयिक और सैन्य स्तर की बैठकें की हैं। इसके पहले मार्च में भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ पूर्ण विघटन प्राप्त करने और मुद्दों को हल करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया था।
नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) भारत में नवनियुक्त चीनी राजदूत जू फेइहोंग आज पदभार ग्रहण करने के लिए नई दिल्ली पहुंच गए हैं। भारत में चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर यह सूचना दी। भारत में चीनी दूतावास द्वारा जारी बयान के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल प्रभाग के अधिकारियों, डिप्लोमैटिक कोर के डीन, भारत में इरिटिया के राजदूत एलेम त्सेहाय वोल्डेमारियम और मंत्री मा जिया, मंत्री वांग लेई, चीनी दूतावास के मंत्री काउंसलर चेन जियानजुन ने जू फेइहोंग और उनकी पत्नी तान युक्सियू का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। सन वेइदॉन्ग ने ऐसे समय में दिल्ली छोड़ी जब भारत और चीन 2020 में लद्दाख सीमा संघर्ष के बाद कई चैनलों के माध्यम से संबंधों को मैनेज करने की कोशिश कर रहे थे, जो दोनों पक्षों के बीच प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अप्रैल 2020 से भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति पर कई दौर की राजनयिक और सैन्य स्तर की बैठकें की हैं। इसके पहले मार्च में भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ पूर्ण विघटन प्राप्त करने और मुद्दों को हल करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया था।