हरियाणा : (मानवी मीडिया) तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा भाजपा सरकार से समर्थन वापिस लेने के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। वहीं जजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को पत्र लिखा है। चौटाला ने राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। दुष्यंत चौटाला ने पत्र में लिखा दो विधायकों की स्थिति के बाद सदन की संख्या 88 है। ऐसे में देखा जाए तो भाजपा के पास 40 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 30, जेजेपी के 10, हलोपा के पास एक और इनेलो के पास भी एक विधायक है। वहीं मौजूदा समय में निर्दलीय विधायकों की संख्या छह हैं। इनमें तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से पत्र में मांग की है कि सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा। इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और सरकार फ्लोर टेस्ट पास करे। गौरतलब है कि भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायक ने समर्थन वापस ले लिया है। इनमें दादरी से सोमबीर सांगवान, पुंडरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर शामिल थे।
हरियाणा : (मानवी मीडिया) तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा भाजपा सरकार से समर्थन वापिस लेने के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। वहीं जजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को पत्र लिखा है। चौटाला ने राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। दुष्यंत चौटाला ने पत्र में लिखा दो विधायकों की स्थिति के बाद सदन की संख्या 88 है। ऐसे में देखा जाए तो भाजपा के पास 40 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 30, जेजेपी के 10, हलोपा के पास एक और इनेलो के पास भी एक विधायक है। वहीं मौजूदा समय में निर्दलीय विधायकों की संख्या छह हैं। इनमें तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से पत्र में मांग की है कि सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा। इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और सरकार फ्लोर टेस्ट पास करे। गौरतलब है कि भाजपा सरकार से तीन निर्दलीय विधायक ने समर्थन वापस ले लिया है। इनमें दादरी से सोमबीर सांगवान, पुंडरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर शामिल थे।