दुनिया मानती है, आज का भारत आतंकवाद से अलग तरीके से निपटता है: जयशंकर - मानवी मीडिया

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Tuesday, May 7, 2024

दुनिया मानती है, आज का भारत आतंकवाद से अलग तरीके से निपटता है: जयशंकर


 नई दिल्ली (मानवी मीडिया)दुनिया मानती है कि आज का भारत आतंकवाद से बहुत अलग तरीके से निपटता है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को यहां हंसराज कॉलेज में आयोजित ‘विकसित भारत 2047’ कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा भारत की छवि मित्रवत, लेकिन निष्पक्ष है, अगर आप आतंकवाद जैसी चुनौती को देखें, तो दुनिया मानती है कि आज का भारत आतंकवाद से बहुत अलग तरीके से निपटता है। इसकी तुलना बहुत सरल है, मुंबई हमलों के बाद क्या हुआ! और उरी तथा बालाकोट हमलों के बाद क्या हुआ? यह एक तुलना है।

जयशंकर ने चीन सीमा विवाद पर भारत के दृढ़ रुख और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद यूक्रेन संघर्ष के बाद भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा हमारे सामने चीन सीमा पर एक चुनौती है। अब वे इन लोगों (भारतीय) को खड़े होकर सेना भेजते हुए देखते हैं। हम रूस से तेल न खरीदने के दबाव में थे। भारत ने कहा कि अपने हितों के लिए मुझे तेल खरीदना चाहिए और मैं इसे छिपा नहीं रहा हूं। हम इस बारे में बहुत खुले और ईमानदार थे। हम इस बारे में बहुत साहसी थे।

भारत में डिजिटलाइजेशन को लेकर जयशंकर ने कहा आज भारत कितना डिजिटल हो गया है। भारत में हम प्रति माह 10-11 अरब कैशलेस लेनदेन करते हैं। अमेरिका एक वर्ष में 4 अरब कैशलेस लेनदेन करता है। चीन एक वर्ष में अधिकतम 20 अरब डिजिटल ट्रांजेक्शन करता है। आज लोग हर चीज के लिए डिजिटल माध्यम से पेमेंट कर रहे हैं, चाहे वो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, पासपोर्ट की फीस जमा करनी हो या कुछ और सभी जगह डिजिटल माध्यम से लेनदेन के कारण भ्रष्टाचार बहुत हद तक कम हो गया है।

विदेश मंत्री ने श्रोताओं से ‘विकसित भारत’ की गंभीरता को समझने की अपील करते हुए कहा कृपया इसे एक नारा न समझें। यह एक बहुत गंभीर बात है। अभी हम सभी जिस मुद्दे की तलाश कर रहे हैं, वह भविष्य है। मैं आज आपसे अगले 25 वर्षों के बारे में बात करना चाहता हूं, जो आपका भविष्य है और हमारा अमृत काल है। मैं आज महसूस कर सकता हूं कि हम किसी बहुत बड़ी चीज के बिंदु पर हैं। दुनिया भी हमें देख रही है। मैं इन 25 वर्षों को नए अवसरों, नई तकनीकों और नई चुनौतियों के दौर के रूप में देखता हूं।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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