उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) कानपुर सिटी योजना के लिये बची भूमि को अधिग्रहण करने में केडीए अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। तपती गर्मी में प्रस्तावित भूमि को खरीदने के लिये अधिकारी भटक रहे हैं। कई काश्तकार जमीने बेचने को तैयार नहीं हो रहे हैं। प्राइवेट बिल्डरों की सेंधमारी की वजह से योजना को धरातल पर उतारने में अधिकारियों को चक्कर आने लगे हैं। केडीए योजना को शुरू करने के लिये मोतीझील और प्रस्तावित गांव में कैंप लगा रहा है। गुरुवार को एक बार फिर से काश्तकारों को योजना की जानकारी ली। केडीए ने 28 साल पहले मैनावती मार्ग और कल्याणपुर-बिठूर मार्ग के सिटी योजना विकसित करने की योजना बनाई थी। 153 हेक्टेयर में योजना विकसित करने और जमीन खरीदने के लिए केडीए बोर्ड ने डेढ़ सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इतनी ही धनराशि शासन ने विकास प्राधिकरण को आवंटित की। अभी 54 हेक्टेयर जमीन केडीए की है, शेष जमीन काश्तकारों से खरीदी जा रही है।
36 काश्तकारों से लगभग 62 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी जा चुकी है। उन्हें डीएम सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जा रहा है। न्यू कानपुर सिटी योजना में केडीए द्वारा अर्जित भूमि 55.32 हेक्टेयर भूमि है। योजना में ग्राम सभा की कानपुर विकास प्राधिकरण प्रबंधन की भूमि 0.570 हेक्टेयर और ग्राम सभा की पुर्नग्रहण के लिये 6.93 हेक्टेयर भूमि बची है। केडीए वीसी ने बताया कि योजना में निजी काश्तकारो की अब तक क्रय की जा चुकी भूमि 15.26 हेक्टेयर भूमि है। शेष 74.21 हेक्टेयर भूमि के सम्बन्ध में खरीदने या अधिग्रहण करने की तैयारी की जा रही है। केडीए वीसी के निर्देश पर विशेष कार्याधिकारी भूमि बैंक (जोन-1) डॉ. रवि प्रताप सिंह द्वारा नायब तहसीलदार व अमीनों के साथ मौके पर पहुंचे।