बाराबंकी : (मानवी मीडिया) जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, बाराबंकी में सियासी घमासान तेज होता चला जा रहा है। बड़े नेताओं की ताबड़तोड़ रैली की वजह से सियासी लड़ाई बेहद दिलचस्प होती जा रही है। यहां अब तीनों प्रमुख दलों की निगाह पिछड़ा वंचित और मुस्लिम मतदाताओं पर टिक गई है। इस वर्ग के यहां करीब 48 प्रतिशत से अधिक मतदाता है ,जो यदि एकजुट होकर किसी पार्टी के पक्ष में मतदान करते हैं तो जीत- हार के समीकरण काफी हद तक बदले जा सकते हैं। इसके लिए तीनों दलों के रणनीतिकार राजनीति की बिसात पर जातीय पासा फेकने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे । हालांकि ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आना आने वाला भविष्य तय करेगा।
बाराबंकी : (मानवी मीडिया) जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, बाराबंकी में सियासी घमासान तेज होता चला जा रहा है। बड़े नेताओं की ताबड़तोड़ रैली की वजह से सियासी लड़ाई बेहद दिलचस्प होती जा रही है। यहां अब तीनों प्रमुख दलों की निगाह पिछड़ा वंचित और मुस्लिम मतदाताओं पर टिक गई है। इस वर्ग के यहां करीब 48 प्रतिशत से अधिक मतदाता है ,जो यदि एकजुट होकर किसी पार्टी के पक्ष में मतदान करते हैं तो जीत- हार के समीकरण काफी हद तक बदले जा सकते हैं। इसके लिए तीनों दलों के रणनीतिकार राजनीति की बिसात पर जातीय पासा फेकने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे । हालांकि ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आना आने वाला भविष्य तय करेगा।