तमिलनाडु : (मानवी मीडिया) तिरुपत्तूर जिले के जोलारपेट के पास स्थित अचामंगलम गांव में एक उल्का पिंड गिरने का दावा किया जा रहा है. जिस जगह पर ये रहस्यमयी वस्तु गिरी है वहीं पर करीब पांच फीट गहरा गड्ढा हो गया है. इससे आस-पास के लोग सहमे हुए हैं. फिलहाल गांव के लोगों ने इस रहस्यमयी घटना को लेकर जिलाधिकारी और जोलारपेट पुलिस को सूचना दे दी है. बताया जा रहा है कि चार-पांच दिन पहले ये घटना हुई थी. गांव से मिली सूचना के बाद मौके पर राजस्व विभाग और पुलिस की टीम पहुंची है और इलाके के लोगों से इस सम्बंध में पूछताछ कर रही है. हालांकि तमाम छानबीन के बाद तिरुपत्तूर के जिलाधिकारी ने इस सम्बंध में विज्ञान केंद्र से सम्पर्क किया है और इस रहस्यमयी चीज के बारे में पता लगाने की सलाह दी है. फिलहाल चेन्नई में तमिलनाडु विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के कार्यकारी निदेशक, लेनिन तमिल कोवन ने वेल्लोर में जिला विज्ञान केंद्र को इस मामले में अध्ययन करने का आदेश दिया है. जिला वैज्ञानिक अधिकारी (प्रभारी) रवि कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि ‘जिस इलाके में ये रहस्यमय वस्तु गिरी है वह उल्कापिंड है और इसके गिरने की गति से मिट्टी राख में बदल गई है..’ उन्होंने स्पष्ट किया कि मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच परिक्रमा करने वाले क्षुद्रग्रह कभी-कभी पृथ्वी की ओर गिरते हैं और बड़े क्षुद्रग्रह गिरने पर अधिक नुकसान पहुंचाते हैं.
तमिलनाडु : (मानवी मीडिया) तिरुपत्तूर जिले के जोलारपेट के पास स्थित अचामंगलम गांव में एक उल्का पिंड गिरने का दावा किया जा रहा है. जिस जगह पर ये रहस्यमयी वस्तु गिरी है वहीं पर करीब पांच फीट गहरा गड्ढा हो गया है. इससे आस-पास के लोग सहमे हुए हैं. फिलहाल गांव के लोगों ने इस रहस्यमयी घटना को लेकर जिलाधिकारी और जोलारपेट पुलिस को सूचना दे दी है. बताया जा रहा है कि चार-पांच दिन पहले ये घटना हुई थी. गांव से मिली सूचना के बाद मौके पर राजस्व विभाग और पुलिस की टीम पहुंची है और इलाके के लोगों से इस सम्बंध में पूछताछ कर रही है. हालांकि तमाम छानबीन के बाद तिरुपत्तूर के जिलाधिकारी ने इस सम्बंध में विज्ञान केंद्र से सम्पर्क किया है और इस रहस्यमयी चीज के बारे में पता लगाने की सलाह दी है. फिलहाल चेन्नई में तमिलनाडु विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के कार्यकारी निदेशक, लेनिन तमिल कोवन ने वेल्लोर में जिला विज्ञान केंद्र को इस मामले में अध्ययन करने का आदेश दिया है. जिला वैज्ञानिक अधिकारी (प्रभारी) रवि कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि ‘जिस इलाके में ये रहस्यमय वस्तु गिरी है वह उल्कापिंड है और इसके गिरने की गति से मिट्टी राख में बदल गई है..’ उन्होंने स्पष्ट किया कि मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच परिक्रमा करने वाले क्षुद्रग्रह कभी-कभी पृथ्वी की ओर गिरते हैं और बड़े क्षुद्रग्रह गिरने पर अधिक नुकसान पहुंचाते हैं.