मुंबई : (मानवी मीडिया) केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मंगलवार को ₹34,000 करोड़ DHFL (दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड) बैंक धोखाधड़ी जांच में बैंक के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में उनके खिलाफ 2022 में पहले ही आरोप पत्र दायर कर दिया था। अधिकारी ने बताया कि वधावन को सोमवार शाम को मुंबई से हिरासत में लिया गया था और उन्हें मंगलवार को दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि वधावन को पहले एजेंसी ने ‘यस बैंक’ भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था और वह जमानत पर थे। बता दें कि सीबीआई ने 17 बैंकों के संघ से 34,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में डीएचएफएल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह देश में सबसे बड़ा बैंकिंग ऋण धोखाधड़ी मामला है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर जो FIR दर्ज की गई है, उसमें आरोप लगाया गया है कि वधावन बंधुओं (कपिल वधावन और धीरज वधावन, जो कंपनी में डायरेक्टर थे, ने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ धोखाधड़ी की है। प्राथमिकी में कहा गया है कि फ्रॉड को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने आपराधिक साजिश रची और 42,871.42 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। उस कर्ज के बड़े हिस्से का दुरुपयोग किया गया। सीबीआई ने चार्जशीट में लिखा है कि वधवान बंधुओं ने डीएचएफएल के बुक्स में हेराफेरी की है।
मुंबई : (मानवी मीडिया) केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मंगलवार को ₹34,000 करोड़ DHFL (दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड) बैंक धोखाधड़ी जांच में बैंक के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में उनके खिलाफ 2022 में पहले ही आरोप पत्र दायर कर दिया था। अधिकारी ने बताया कि वधावन को सोमवार शाम को मुंबई से हिरासत में लिया गया था और उन्हें मंगलवार को दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि वधावन को पहले एजेंसी ने ‘यस बैंक’ भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था और वह जमानत पर थे। बता दें कि सीबीआई ने 17 बैंकों के संघ से 34,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में डीएचएफएल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह देश में सबसे बड़ा बैंकिंग ऋण धोखाधड़ी मामला है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर जो FIR दर्ज की गई है, उसमें आरोप लगाया गया है कि वधावन बंधुओं (कपिल वधावन और धीरज वधावन, जो कंपनी में डायरेक्टर थे, ने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ धोखाधड़ी की है। प्राथमिकी में कहा गया है कि फ्रॉड को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने आपराधिक साजिश रची और 42,871.42 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। उस कर्ज के बड़े हिस्से का दुरुपयोग किया गया। सीबीआई ने चार्जशीट में लिखा है कि वधवान बंधुओं ने डीएचएफएल के बुक्स में हेराफेरी की है।