लखनऊ : (मानवी मीडिया) दुबग्गा में बिना मान्यता के चलाए जा रहे मदरसे से बिहार के 24 बच्चे मुक्त कराए गए हैं. यह मदरसा दो कमरे के मकान में चलाया जा रहा था. बाल आयोग की टीम ने बच्चों को मुक्त कराकर बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया है. जिन बच्चों को मुक्त कराया गया है उनकी उम्र 6 से 14 साल के बीच है. सूचना के मुताबिक, बच्चों को 5 दिन पहले ही बिहार से लाया गया था.
यह मदरसा लालनगर खेड़ा में चलाया जा रहा था. मदरसा संचालन में आजमगढ़ दरियापुर निवासी जीशान भी शामिल बताए जा रहे हैं. मदरसा जिसके मकान में चलाया जा रहा था उसका नाम जीशान हाशमी बताया जा रहा है, जिसे इरफान नाम काल शख्स चला रहा था. दरभंगा निवासी इरफान और सैफुल्लाह यहा पढ़ाई कराते हैं. मदरसा चला रहे इरफान सैफुल्लाह को उर्दू के अलावा हिंदी और अंग्रेजी नहीं आती है.
जनवरी में इरफान ने संस्था बनाई थी जिसमें अब तक 3.50 लाख रुपए जकात से जमा किए गए थे. संस्था के बायलॉज में लिखा था कि वे सनातन संस्कृति प्रचार के लिए काम करेगी. इससे पहले भी हरिद्वार में एक बस में भरकर बच्चों को कहीं ले जाया जा रहा था. उस बस को बीच में ही पुलिस को मिली गुप्त सूचना से रोककर बच्चों को बचा लिया गया था. वहां से भी ये जानकारी दी गई थी बच्चों को मदरसे ले जाया जा रहा है,
लेकिन बस ड्राइवर व अन्य मैनेजमेंट के पास बच्चों के माता-पिता का कोई सहमति पत्र जैसी कोई चीज नहीं मिली थी. इन बच्चों को लखनऊ से लाया गया था. उसमें बच्चों की उम्र 4 से 12 साल तक बताई गई थी. पुलिस ने बच्चों से भी पूछताछ की थी. बच्चों को कहां ले जाया जा रहा था, इस बारे में बच्चों को कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि सभी बच्चों को पुलिस के हवाले कर, उनके मां-बाप तक पहुंचाया जा रहा था.