लखनऊ (मानवी मीडिया)इस्कॉन मंदिर लखनऊ के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम प्रभु द्वारा अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर चन्दन यात्रा महोत्सव का प्रारम्भ करते हुए उसकी महत्ता का वर्णन किया गया l*
चंदन यात्रा महोत्सव की कथा में अपरिमेय श्याम प्रभु जी ने बताया कि एक बार भगवान के प्रिय भक्त एवं महान आचार्य माधवेंद्र पुरी को वृंदावन में भगवान गोपाल जी के विग्रह स्वप्न देते हैं कि हे माधवेंद्र जेठ माह में मुझे अत्यधिक गर्मी लगती है तुम जगन्नाथपुरी जाकर मेरे लिए चंदन लेकर आओ और मेरे शरीर पर लेप करो यह सपना आते ही माधवेंद्र पुरी जी वृंदावन से तत्काल पैदल पैदल जगन्नाथ जी पुरी उड़ीसा के लिए निकल पड़े और वहां से चंदन लेकर आते हैं और भगवान को उन्होंने चंदन लेप लगा कर यह सेवा पूरी की तबसे यह उत्सव चंदन यात्रा के रूप में पूरे विश्व में इस्कॉन के मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाता है जो निरंतर 21 दिनों तक चलेगा l*
अपरिमेय श्याम प्रभुजी ने बताया कि श्रीकृष्ण तो परम पुरषोत्तम भगवान है, वे आत्माराम हैं, उन्हें किसी प्रकार की सुविधा की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन भक्तों के लिए भगवान ही सब कुछ है, भगवान भक्तों के प्राण हैं, भगवान की प्रसन्नता एवं संतुष्टि के लिए हम सबको भगवान को चन्दन लगाकर उनके प्रति प्रेम और लगाव व्यक्त करना चाहिए l*
अक्षय तृतीया के शुभ एवं कल्याणकारी दिन हमे भौतिक जगत के भीषण ताप से मुक्त होने के लिए नित्य भक्ति द्वारा भगवान का आश्रय ग्रहण करना चाहिए, जिससे हम भी भागवत प्रेम के महासागर में तैर सकें l*
अक्षय तृतीया के अन्य महत्वपूर्ण अवसरों के विषय में अपरिमेय श्याम प्रभु जी द्वारा बताया गया कि आज ही श्रील प्रभुपाद ने भक्तों की लीग की स्थापना की (श्रील प्रभुपाद इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य हैं, जो कृष्ण चेतना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सोसायटी है। इस्कॉन शुरू करने से पहले, श्रील प्रभुपाद ने भारत में भक्तों की लीग नामक एक सोसायटी की स्थापना की, जो अक्षय तृतीया (16 मई) के शुभ दिन झांसी में वर्ष 1953 में हुई थी, सुदामा जी भगवान श्रीकृष्ण से मिले थे, आज ही पतित पावनी गंगा जी स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर अवतरित हुईं थीं, आज ही बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते है और भगवान जगन्नाथ जी का रथ भी आज के ही दिन से बनना शुरू हो जाता है l*
अपरिमेय श्याम प्रभु ने मंदिर में उपस्थित भक्तों एवं सभी लखनऊ वासियों को अक्षय तृतीया एवं चन्दन महोत्सव की शुभकामनाएँ देते हुए चन्दन महोत्सव में उत्साहपूर्वक भाग लेने का अनुरोध किया l*