लखनऊ : (मानवी मीडिया) राजधानी के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर और कर्मचारियों को आज भी समान अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे 3000 से अधिक डॉक्टर और कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दरअसल, पूरा मामला भत्ते से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की तरफ से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है कि केजीएमयू प्रशासन की तरफ से शासनादेश के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को भक्तों में बढ़ोतरी का लाभ नहीं दिया गया है जिससे कर्मचारियों और डॉक्टर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र भेजा है। जिसमे कहा गया है कि 23 अगस्त 2016 को शासन ने केजीएमयू में कार्यरत डॉक्टर वा कर्मचारियों को एसजीपीजीआई के समान समस्त भत्ते प्रदान करने का शासनादेश जारी कर दिया था। जिसके तहत केजीएमयू प्रशासन द्वारा वेतन एवं भत्ते प्रदान किये जा रहे है। लेकिन, एसजीपीजीआई ने महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत होने पर एचआरए, चाइल्ड एजुकेशन एलाउन्स एवं ट्रांसपोर्ट एलाउन्स को क्रमशः बढ़ाते हुये अप्रैल माह के वेतन में सबको प्रदान कर दिया गया।
अत्यन्त खेद का विषय है कि केजीएमयू प्रशासन ने शासनादेश के क्रम में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को भत्तो में बढ़ोतरी प्रदान नहीं किया गया। जिसमें कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है। पत्र के माध्यम से चिकित्सा माँग की गई है कि भत्तो की समानता के प्रकरण पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाए। एसजीपीजीआई की भांति KGMU में कार्यरत कर्मियों को समस्त भत्ता प्रदान करने के लिए निर्देशित करे। जिससे सद्भाव बना रहे। इस भीषण महंगाई में कर्मचारी अपने परिवार का भरण पोषण ठीक तरह से कर सके और अपने कार्य एवं दायित्व को पूर्ण मनोयोग से करे।